शिवपुरी-कोलारस विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2013 के चुनाव और उपचुनाव में भाजपा की हार के बावजूद पार्टी ने परिणाम को सकारात्मक अंदाज में लिया है। इसका कारण यह है कि 2013 में जहां भाजपा को 25 हजार मतों से पराजय मिली थी। वहीं 6 माह पहले हुए उपचुनाव में हार का अंतर घटकर महज 8 हजार मतों पर आ गया था। वह भी उस स्थिति में जबकि दिवंगत कांग्रेस विधायक रामसिंह यादव की मृत्यु पर सहानुभूति लहर का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस ने उनके सुपुत्र महेंद्र सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया था। हार का अंतर एक तिहाई आ जाने पर भाजपा खैमे में 2018 के चुनाव को लेकर खासा आत्मविश्वास और उत्साह देखने को मिल रहा है। भाजपा को यह भी लग रहा है कि कांग्रेस के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी फैक्टर तथा विधायक की कथित रूप से खराब छवि का भी फायदा उसे मिलेगा। यहीं कारण है कि भाजपा ने कोलारस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में किए गए वायदों को गंभीरता से पूरा करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपचुनाव के बाद कोलारस में आभार प्रदर्शन करने कांग्रेस से पहले पहुंचे थे। 2018 के चुनाव में भाजपा के लिए अच्छी बात यह भी है कि दो बार से हार रहे पूर्व विधायक देवेंद्र जैन ने अपनी उम्मीदवारी से हाथ खींच लिया है। जिससे टिकट किसी नए चेहरे को मिलेगा। इससे भी भाजपा खासी आशांवित है।
कोलारस विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा क्षेत्र में सौगातों की झड़ी लगा दी थी। रन्नौद को नगर पालिका और तहसील बनाने का वायदा किया गया था। ढ़ाई करोड़ रूपए की लागत से कोलारस में गुुंजारी नदी के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ कोलारस में जलावर्धन योजना का भरोसा दिलाया गया था। बदरवास में महाविद्यालय और कोलारस महाविद्यालय में कॉमर्स फैक्लटी खोलने की बात कही गई थी। साखनौर में सिंध नदी का पुल बनाने का वायदा भी किया गया था। यहीं नहीं इंटरसिटी एक्सप्रेस का स्टोपेज बदरवास और कोलारस में किए जाने का वायदा भी किया गया था। लुकवासा अटरूनी रेलमार्ग पर अंडरब्रिज बनाने का भरोसा भी दिलाया गया था। इन वायदों के बावजूद भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई। परंतु इसके बाद भी भाजपा में निराशा का वातावरण नहीं था। हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के लिए कोलारस पहुंचे और उन्होंने आमसभा में दृढ़तापूर्वक कहा कि हार के बाद भी हमने जो वायदे कोलारस क्षेत्र की जनता से किए हैं उन्हें अवश्य निभाएंगे। इसके बाद एक-एक कर उन्होंने वायदे पूरे करना शुरू कर दिए। रन्नौद में तहसील और नगर पालिका की स्थापना के आदेश आ गए। कोलारस नगर की जलावर्धन योजना और गुंजारी नदी के सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया। कोलारस में इंटरसिटी एक्सप्रेस का स्टोपेज भी हो गया। लुकवासा अटरूनी रेलवे अंडरब्रिज का वायदा अभी तक इसलिए पूरा नहीं हो पाया इस पर भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि ब्रिज निर्माण में रेलवे की ओर से लगने वाली सवा दो करोड़ रूपए की राशि प्राप्त नहीं हुई है और जैसे ही राशि प्राप्त होगी काम शुरू कर दिया जाएगा।
कोलारस से ये हैं टिकट के प्रमुख दावेदार-कोलारस विधानसभा क्षेत्र से इस बार भाजपा टिकट की दौड़ में मुख्य रूप से तीन-चार चेहरे नजर आ रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। बताया जाता है कि श्री रघुवंशी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी हैं। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा कहते हैं कि श्री रघुवंशी मजबूत उम्मीदवार हैं और उन्हें टिकट मिला तो पार्टी की जीत में कोई शंका नहीं है। कोलारस में भाजपा टिकट के दूसरे दावेदार पूर्व विधायक देवेंद्र जैन के अनुज जितेंद्र जैन गोटू हैं। श्री गोटू जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे चुके हैं और टिकट के प्रति आश्वस्त हैं। उपचुनाव के दौरान देवेंद्र जैन और जितेंद्र जैन के रिश्ते यशोधरा राजे सिंधिया से भी सुधरे हैं और उन्हें भरोसा है कि टिकट में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी को भी टिकट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। श्री रघुवंशी कोलारस के स्थानीय निवासी हैं और उपचुनाव में भी उनके नाम की चर्चा खूब चली थी। टिकट के एक अन्य दावेदार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा कहते हैं कि वह टिकट नहीं मांगेगें लेकिन यदि पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो वह पार्टी के आदेश का पालन करेंगे।