दतिया। जिले की भांडेर तहसील के बीसनपुरा के सरपंच तुलाराम पाल यह इतने समाजसेवी है कि इनकी पंचायत के बीसनपुरा और नटर्रा गांव में किसी की भी बेटी की शादी हो, उनके यहां की टीका की रस्म सरपंच खुद करते हैं।
परंपरानुसार टीका में लड़के पक्ष को दिया जाने वाला उपहार भी सरपंच खुद देतेे हैं। पिछले चार साल में वे अब तक 100 बेटियों के टीके की रस्म अदा कर चुके हैं। वे कहते हैं कि बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह संकल्प लिया था, इसलिए इसे पूरा करते रहेंगे।
जानकारी के अनुसार कन्या विवाह के दौरान जब वर ( दूल्हा ) बारात लेकर वधु ( कन्या) के दरवाजे पर पहुंचता है तो वर के स्वागत में उसका टीका किया जाता हैं। परंपरानुसार टीका में लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार वर को उपहार देते हैं। कहीं पर नकद राशि देने की परंपरा होती है तो कहीं पर वर को कपड़ों के साथ सोने चांदी के जेवर दिए जाते हैं।
सरपंच पाल ने जितनी भी कन्याओं के विवाह में टीका दिया उसमें 5100 से लेकर 11000 रुपए की राशि बतौर नेग दी। सरपंच का कहना है कि शादी समारोह में टीका अन्य रीति रिवाजों पर निर्भर करता है। यदि टीका अधिक राशि का दिया गया तो बेला में भी अधिक राशि देनी होती है। इसलिए परिवार की क्षमता के आधार पर 5100 एवं 11000 रुपए तक का टीका देते हैं।