राजनीति में अब पिता - पुत्री आमने - सामने

राजनीतिक हलचल- राजनीति में कौन कब और किसका सगा और पराया हो जाये इसकी भविष्यवाणी करना गलत साबित हो सकता है । राजनीति वो कराती है जो कोई नहीं करता,साम, दाम ,दंड और भेद सारे हथियार प्रयोग किए जाते हैं, कुछ ऐसा ही बकया आजकल बिहार की राजनीतिक गलियों में चर्चित है । मामला कुछ इस प्रकार है कि बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी आशा पासवान ने पिता के खिलाफ ताल ठोंक दी है। उन्होंने पिता के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। गुरुवार को आशा पासवान ने कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से टिकट मिलता है, तो वह हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेंगी।
बताते चलें कि रामविलास पासवान भी हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ते हैं। आशा ने कहा कि रामविलास पासवान ने सिर्फ अपने बेटे और जमुई सांसद चिराग पासवान को ही आगे बढ़ाया। लड़की होने की वजह से मेरे साथ भेदभाव किया। आशा ने कहा कि मुझे तवज्जो नहीं दी गई, जबकि चिराग को एलजेपी संसदीय दल का नेता बना दिया गया।
उन्होंने कहा कि अगर आरजेडी मुझे टिकट देती है, तो मैं हाजीपुर से चुनाव लडूंगी। बताते चलें कि रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की दो बेटियां हैं, जिनमें से एक आशा है। पासवान ने 1981 में राजकुमारी को तलाक देने के बाद 1983 में रीना से शादी की थी। दूसरी पत्नी रीना से पासवान का बेटा चिराग और एक बेटी है।
गौरतलब है कि आशा के पति अनिल साधु पासवान की पार्टी की दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष थे। मगर, पासवान से मतभेदों के बाद इसी साल मार्च में वह लोजपा से इस्तीफा देकर राजद में जुड़ गए थे। अनिल ने भी बुधवार को कहा था कि वह अपने ससुर के खिलाफ हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर राजद मुझे या मेरी पत्नी को टिकट देती है, तो हम पासवान परिवार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे।

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