विदिशा ः आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज जो कि श्री सम्मेद शिखर जी की ओर यात्रा पर हैं, कोरोना वायरस की इस महामारी के चलते व्यापक राष्ट्र और समाज के हित और राजाज्ञा का सम्मान रखते हुए ग्राम चंडी जो कि नालंदा विहार में स्थित है वहीं पर आचार्य श्री ने २१ मार्च को अपने संघस्थ २५ मुनिराजों के साथ अपनी यात्रा को विराम देते हुए उसी छोटे से गावँ में सम्पूर्ण संघ सहित मर्यादित होकर साधना रत हो गए।
सकल दिगम्बर जैन समाज एवं श्रमण चेतना मंच के मंत्री श्री सौरभ जैन लंदन ने वताया कि इसी बीच ३१मार्च को आचार्य श्री का १३ वां आचार्य पदारोहण दिवस भी वहाँ पर तो उनकी प्रत्यक्ष उपस्थिति में मनाया ही गया लेकिन विदिशा नगर से भी सेंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जो पूर्व में इस मंगल दिवस को साक्षात गुरु चरणों में ही मनाते आये हैं इस बार कोरोना के कारण सम्पूर्ण लॉक डाउन के चलते ये सैकड़ों भक्त गुरू चरणों मे तो नही पहुँच पाये लेकिन परोक्ष रूप से ही गुरु चरणों को ह्रदय में विराजित कर अपने अपने घरों में ही आचार्य श्री की पूजन- वंदन आदि करके बहुत भक्ति भाव से *गुरू उपकार दिवस* के रूप में मनाया क्योंकि आचार्य श्री का साफ निर्देश है कि सभी लोग अपने अपने नगरों मे रहकर ही अपनी साधना करें,
आचार्य श्री ने अपने संदेश में सभी से कहा कि कोरोना वायरस की यह महामारी निश्चित ही कुछ समय उपरांत शांत हो जाएगी। मंदिर भले ही वंद है, लेकिन आप सभी को इस आपदकाल में शासन के निर्देशों का पालन करना हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपके मंदिर का नियम है तो आप मकान की छत से यदि मंदिर जी की शिखर नजर आती है तो उसके दर्शन अवश्य कर लें या अपने अपने घरों में जिनवाणी को विराजमान कर प्रतिदिन पूजन , जाप औऱ स्वाध्याय आदि करते रहें हालांकि यह अपवाद मार्ग है।
सभी लोग जब तक जिनेन्द्रदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे हें एक रस का त्याग करें एवं इस महामारी की समाप्ति के पश्चात आपके नगर के आसपास जो भी आचार्य या मुनि महाराज विराजमान हों उनसे प्राश्चित लें लेकिन अभी देश काल की स्थिति को देखते हुए शासन, प्रशासन के निर्देशों का पालन अवश्य करें।
इसलिए वर्तमान परिस्थितियों में शासन -प्रशासन के निर्देश, गुरू आज्ञा और व्यापक सामाजिक और राष्ट्रीय हित को देखते हुए उन्ही आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज का 13वां आचर्यपदारोहन दिवस उनके भक्तों ने अपने अपने घरों में ही भक्ति पूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाया।
संकलन :-
राष्ट्रीय संवाद दाता
पारस जैन " पार्श्वमणि" कोटा