शिवपुरी-डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम हेतु विभिन्न विभागों के सहयोग से सभी स्तरों पर जनजागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इसी कड़ी में मच्छर जनित बीमारियों की जांच एवं उपचार की विधि और एडीज मच्छर के जीवनचक्र को सभी स्तरों पर तोड़कर लार्वा विनिष्टीकरण के उपायों की जानकारी देने हेतु आज शहरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मच्छर जनित बीमारियों के उन्मूलन हेतु डेंगू, मलेरिया जनजागरूकता कार्यक्रम में प्रशिक्षण दिया गया।
कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशानुसार डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम हेतु जनसामान्य को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है और मलेरिया एवं डेंगू से किस प्रकार बचा जा सके, इसकी जानकारी जनसमान्य को दी जा रही है।
जिला मलेरिया अधिकारी श्री लालजू शाक्य ने बताया कि जिले में डेंगू की पहचान हेतु जिला चिकित्सालय में और ब्लॉक स्तरों पर मलेरिया जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने डेंगू के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू के मरीज को तीव्र बुखार आने पर परीक्षण कराए। डेंगू बुखार का मात्र 7 दिन उपचार एवं यदि द्वितीय श्रेणी में गंभीरता होने पर प्लेटिलेट की जांच में यदि 80 हजार से कम हो जाती है, तो तत्काल अस्पताल में भर्ती कराए। इसके लिए जिले में सभी प्रकार की उपचार एवं जांच की व्यवस्था है। आम जनता से अपील की है कि घरों में लार्वा की पहचान एवं उसे विनिष्टीकरण कराने एवं मच्छरदानी का उपयोग एवं पूरे शरीर को ढके हुए कपड़े पहनें, धुँआ करें।
उल्लेखनीय है कि जिले में 19 सितम्बर तक 22 हजार 12 घरों का सर्वें कर 3 हजार 500 पॉजीटिव प्रकरण पाए गए, 21 वार्डों में 01 लाख 41 हजार 935 पानी के कंटेनरों की जांच कर 5 हजार 195 कंटेनरों में लार्वा पाया गया। जिसके विनिष्टीकरण की कार्यवाही गठित दल द्वारा की गई। 30 स्थानों को चिंहित कर गम्बोशिया मछली डाली गई है। 15 वार्ड क्षेत्रों में फोकिंग का कार्य भी किया गया है।