बंधा-बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जैन तीर्थ बंधा में शनिवार को माघ शुक्ला चतुर्दशी के दिन बुंदेलखंड के इतिहास में एक नया इतिहास लिखा गया। बंधा में विश्व के प्रथम रजत मंदिर का शिलान्यास समारोह हजारों लोगों के बीच हुआ।
सुबह 7 बजे अजितनाथ भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद श्रीजी की शांति धारा एवं पूजा हुई। 9 बजे से शिलान्यास स्थल पर शांतिनाथ विधान किया गया। दोपहर 2 बजे से शिलान्यास की क्रियाएं पंडित विनय भैया बंडा एवं दीपक भैया टेहरका द्वारा शुरू की गई। समय सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि शिष्य ने गुरु से प्रार्थना की, कि मैं अपार संसार में डूब रहा हूं। व्यक्ति पंच इंद्रीय के विषयों में शरण ढूंढ रहा है। महाराज ने कहा कि आपने दीपक जलाया है, दीपक जल रहा है क्या, दीपक तो जल रहा है, लेकिन महाराज ने कहा मैं कहूंगा कि दीपक बुझ रहा है। आप जी नहीं रहे हैं, आप मरण को धीरे धीरे प्राप्त हो रहे हैं। सरोवर में तरंग उत्पन्न होती है, प्रतिफल मिटती जाती भी है। आपका जन्म हुआ है, मरण भी निश्चित है।
सूर्योदय हुआ है सूर्यास्त भी होगा। संसार में कोई वस्तु अमिट है, तो भगवान के श्री चरण कमल हैं। समय सागर महाराज ने कहा मेरा यहां पर आना हुआ मैं पहली बार बंधा क्षेत्र में आया हूं। कुंडलपुर में चातुर्मास हुआ, गुरुजी के आशीर्वाद से बंधा के लिए बिहार हुआ, गुरु ने जो आशीर्वाद दिया था, आज वह मंगलाचरण के रूप में पूरा हो रहा है। अब कोई विघ्न बाधा मंदिर के निर्माण में नहीं होगी। आप लोग भी इस जीवन को आपका मन, आपका उद्देश्य बंधा से बंध जाना चाहिए। तभी मंदिर निर्माण सही समय पर हो पाएगा। बंधा में एक भव्य जिनालय का निर्माण होने जा रहा है। गुरुदेव ने बंधा में अजीत नाथ भगवान को उच्चासन देने के लिए मंदिर निर्माण की बात कही थी। आप सभी को गुरु के उपदेश को आदेश मानकर मंदिर निर्माण का कार्य पूरा करना है। कम समय में यह मंदिर निर्माण के पवित्र कार्य को करो। इस मंदिर को पाषाण के द्वारा हजारों वर्ष के लिए सुरक्षित एवं संरक्षित करना है। इसी में है अहिंसा धर्म जीवंत बना रहेगा। शिलान्यास समारोह में सागर, जबलपुर, ललितपुर, महरौनी, टीकमगढ़, पृथ्वीपुर, जतारा, लिधौरा, बम्होरी, दिगौड़ा, ज्योरा सहित कई स्थानों से लोग शामिल हुए। बंधा प्रबंध कार्यकारिणी कमेटी ट्रस्ट कमेटी एवं निर्माण कमेटी के सभी पदाधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस मौके पर मुरली जैन, प्रदीप जैन, पुष्पेंद्र जैन केशवगढ़, मुकेश जैन ढाना सहित कई भक्त शामिल हुए।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी