धर्म और सद्कर्म की लो जलती रहे आचार्य विश्वरत्न सूरि का ससंघ विहार

दीक्षा समारोह संम्पन महामांगलिक एव नवपद ओली की साधना आराधना पूर्ण करवा कर आचार्य , मुनि एव साध्वी मंडल का रामगंजमंडी से मंगल विहार
रामगजमडी -रामगंज मंडी के इतिहास की प्रथम दीक्षा को संपन्न करने के लिए पधारे आचार्य भगवन विश्वरत्न सुरीश्वर सूरी जी महाराजा,आचार्य मृदुरत्न श्री जी  महाराजा,  साध्वीवर्या मुक्ति प्रिया श्री जी आदि मुनि साध्वी मंडल का आगमन 18 दिवस पूर्व हुआ था ,  तभी से जैन समाज मे अत्यधिक उत्साह था महामांगलिक के चमत्कारी मंत्रोचार से देश विदेश के कई लोग जुड़े , तत्पश्चात दीक्षा समारोह का संपन्न हुआ रामगंज मंडी की पुत्री युतिका मेहता की ऐतिहासिक दीक्षा का विराट समायोजन समूचे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बना तत्पश्चात गुरु भगवंतो ने धर्म लाभ देते हुए  नवपद ओली की  मंगलमय आराधना  पूर्ण करवाई  , आज उसका  समापन हुआ एवम तपस्या  परिपूर्ण हुई। साथ ही  आचार्य भगवन ने  आज यहां से नागेश्वर तीर्थ की ओर विहार किया।
 विहार में साथ आये  श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि मानव जीवन का सार धर्म है । जो व्यक्ति सदकर्म के मार्गों पर चलता है जो व्यक्ति अपने सत्कर्म पर चलता है जो अपनी नियति साफ रखता है और जो व्यक्ति प्रभु और गुरु  के दिखाये  पथ पर चलता है वह व्यक्ति कभी दिग्भर्मित नही  होता है । 
 उन्होंने कहा रामगंज मंडी के लिए गौरव की बात है  कि एक बालिका संयम के पथ को जाकर के समूचे विश्व में रामगंज मंडी का नाम रोशन करेगी।  प्रभु महावीर के पथ को प्रज्वलित करेगी । इसलिए आप लोगों से भी एक विशेष प्रेरणा है कि जब हमारे गांव की बालिका संयम के मार्ग पर जा चुकी है उनके पीछे  उसी मार्ग पर आगे बढ़ने का प्रयास करे। धर्म और सदकर्म की लो जलती रहे ।  युवा पीढ़ी व्यसन  और फैशन  में धसती जा रही है।  एक बार जो व्यक्ति किसी व्यसन  में  प्रवेश कर जाता है तो प्रवेश तो हो जाता है लेकिन उसमें से निकलना बहुत बहुत नामुमकिन होता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया इस बार रामगंजमंडी के युवा लोग धर्म के प्रति बड़े जागरूक हुए नवरत्न  परिवार का गठन भी हुआ । और नवरत्न परिवार के माध्यम से युवाओं की सभी धार्मिक आयोजनों में रुचि बढ़ी। आचार्य भगवंत ने संदेश देते हुए कहा कि वर्तमान कोरोना काल की स्थितियों को देखते हुए हम सभी अपने प्रेम को मर्यादा को बनाए रखें किसी भी प्रकार के  कोई भी ऐसे कार्य में शरीक न बने इसके अंदर विपदा में और बढ़ोत्तरी हो ।  आचार्य भगवान ने  प्रभु आदिनाथ के दर्शन कर सबको आशीर्वाद मांगलिक प्रदान किया । और नागेश्वर तीर्थ के लिए भानपुरारा  की ओर विहार किया ।
     संकलित अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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