शैलेन्द्र कोठारी नामली -नगर को तहसील का दर्जा नहीं मिलने पर आमजन में आक्रोश है लम्बे समय से नगर नामली को तहसील का दर्जा देने की मांग सामुहिक रुप से की जा रही है मगर प्रदेश सरकार ने इस विषय में कोई ध्यान नहीं दिया जिससे आमजनता में अपने आक्रोश जताया है सोमवार को केबिनेट की बैठक में नामली को तहसील का दर्जा नहीं देना यह विचारनिय है इसको लेकर मंगलवार को सुबह से ही शोसल मिडिया में चर्चाओं ने जोड पकडा और दिनभर नगर के भाजपा एंव कांग्रेस के नेताओं को जनता कोसती नजर आऐ जिसको लेकर फेसबुक से लेकर वाट्सएप ग्रुपो में हलचल रही ।समाचारपत्रों के माध्यम से भी नगर नामली को तहसील का दर्जा देने की मांग समय समय पर उठाई जाती रही है नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा ने भी व्यक्तिगत रुप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एंव प्रभारीमंत्री को भी तहसील के दर्जा दिलाने को लेकर बात की मगर कोई हल नहीं निकला वैस बताया जाता है नगर के आसपास लगने वाले गांव से भी यह मांग उटती रही है नगर एंव क्षेत्र के मान से भी यहा तहसील बन सकती है ग्रामीणों को कई शासकीय कार्यो के लिए रतलाम जाना पड़ता है । बताया जाता है की नगर को तहसील का दर्जा मीलना था मगर ऐसा नहीं होना भी यह नगर एंव क्षेत्र की राजनीति पर प्रश्न चिन्ह है किसी भी दल की पार्टी ने कभी भी यह कोशिश नहीं की सत्ता पक्ष को विरोध दर्ज करवाकर नामली को तहसील का दर्जा दिलवाया जावे । सभी राजनीतिक दल अपनी ढपली अपना राग वाली कहवता सटीक बेट रही है नगर के राजनेता विकसित राजनीति नहीं करने के बाजाए टांग खेचू राजनीति कर रहे है
