कुंडलपुर-मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ने कहा कि आदिनाथ भगवान ने युग के आदि में मानव समाज को असि, मसी, वाणिज्य, शिल्प कला आदि का ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने ही दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया और मानव को ऋषि बनो या कृषि करो अर्थात मुनि बनो अथवा गृहस्थ श्रावक बनकर धर्म ध्यान का पालन कर अपने जीवन के उद्धार का रास्ता बताया। उन्होंने कहा कि जैन धर्म के प्रवर्तक के रूप में आम जनमानस महावीर भगवान को मानता है जबकि वास्तव में जैन धर्म का प्रारंभ इस युग के आरंभ में करोड़ों वर्षों पूर्व जैन धर्म का प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान से मानना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी