दिल्ली-रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर बताते हैं- ‘पापा जी ‘उत्तर रामायण’ नहीं बनाना चाहते थे क्योंकि वह मानते थे कि जो राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, वह प्रजा के किसी व्यक्ति के संदेह पर अपनी गर्भवती पत्नी को कपट के साथ परित्याग करके वनों में नहीं छोड़ सकते। ये प्रसंग किसी ने शरारत करके बरसों बाद इसमें जोड़ दिया होगा। लेकिन तब वाल्मीकी समाज सहित बहुत से लोगों ने लव कुश प्रसंग को सीरियल के रूप में दिखाने का दबाव बना दिया। उस आंदोलन को देख तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने भी पापा से ‘उत्तर रामायण’ बनाने को कहा था।’
देश भर से चुने गए थे आठ बच्चे
बता दें कि ‘उत्तर रामायण’ का निर्माण भी रामानंद सागर ने किया था। इसका प्रसारण दूरदर्शन पर 9 दिसम्बर 1988 से लेकर एक सितम्बर 1989 तक हुआ था। ‘उत्तर रामायण’ को ‘लव कुश’ के नाम से भी जाना चाहता है। इस सीरियल में जुड़वां भाई दिखाए लव कुश असली ज़िंदगी में जुड़वां भाई नहीं हैं। लव की भूमिका स्वप्निल जोशी ने की है। शूटिंग के वक्त वे कक्षा 7 में पढ़ते थे। जबकि कुश की भूमिका करने वाले मयूरेश क्षेत्रमाड़े तब कक्षा 9 के छात्र थे। सागर ने लव कुश के लिए बहुत खोज के बाद देश भर से कुल 8 बच्चों को चुना था जिसमें से प्रशिक्षण देने के बाद स्वप्निल और मयूरेश को चुना गया।
लॉकडाउन के चलते दूरदर्शन पर शुरू हुआ ‘रामायण’ सीरियल अब समाप्त होने जा रहा है। इसकी बिदाई के साथ ही दूरदर्शन ने ‘उत्तर रामायण’ दिखाने का फैसला लिया है। अभी तक की योजनाओं के अनुसार ‘रामायण’ की अंतिम कड़ी 18 अप्रैल सुबह 9 बजे प्रसारित होगी और दूरदर्शन 18 अप्रैल से ही रात 9 बजे ‘लव कुश’ का प्रसारण शुरू कर देगा। ‘रामायण’ के कुल 78 एपिसोड थे जबकि लव कुश वाले प्रसंगों को लेकर बनी ‘उत्तर रामायण’ के दूरदर्शन 44 एपिसोड दिखाएगा। ये एपिसाेड सुबह नौ से दस और फिर रात नौ से दस बजे प्रसारित होंगे।
प्रसारभारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पति ने बताया की ‘रामायण’ को आज पूरा देश जिस चाव से देख रहा है, उसे देख कर ही अब ‘उत्तर रामायण’ को दिखाने का निर्णय लिया है। जैसे ही ‘रामायण’ खत्म होगी वैसे ही ‘उत्तर रामायण’ को शुरू कर दिया जाएगा।
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