नकली मावा की बिक्री हो रही धड़ल्ले से, अवैध मावा की खरीद फरोख्त को लेकर जिला प्रशासन की अनदेखी आ रही सामने



शिवपुरी। नगर में इन दिनों गर्मी का मौसम शुरू हो गया है तो दूसरी ओर अब इस गर्मी के मौसम में मावा की बिक्री भी होने वाली है कारण है कि आने वाली 22 अपै्रल से मई माह तक का बड़ा सहालग जहां सैकड़ों विवाह समारोह आयोजित होने है जिसे लेकर अब मावा की बिक्री को लेकर नकली मावा भी खपाए जाने की तैयारी भी धड़ल्ले से की जा रही है। यही कारण है कि शहर में अब राजस्थान प्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसे बड़े शहरों से अब मावा की बिक्री ना केवल होने लगी है बल्कि इस अवैध कारोबार को धड़ल्ले से करने वाले सरेआम दुकानों पर मावा की बिक्री कर रहे है। यदि इन मावा के सैम्पलों की जांच की जाए तो कई तरह का नकली मावा मौके से पकड़ा जा सकेगा। ऐसे में जिला प्रशासन को भी अब कार्यवाही करने की आवश्यकता है यही कारण है कि नकली मावा विक्रेताओं ने अपने कई अन्य संसाधनों के माध्यम से नकली मावा की खरीद फरोख्त अभी से शुरू कर दी है। 

दीगर प्रदेशों से आता है नकली मावा

ऐसा नहीं है कि शिवपुरी शहर में मावा शुद्ध ना मिले लेकिन इसके लिए बहुत ही कम ऐसे व्यापारी है जो शुद्ध मावा अपने ग्राहकों देते है बाबजूद इसके शहर में अधिक मावा की बिक्री यह प्रदर्शित करता है कि कहीं ना कहीं दीगर प्रदेशों से मावा की आवाजाही बनी हुई है और इसमें उत्तरप्रदेशए मध्यप्रदेश और राजस्थान प्रदेश के अलग.अलग शहरों में अभी से कई मावा विक्रेताओं ने अपनी बुकिंग शुरू कर दी है और इसकी खरीद फरोख्त होकर इसकी बिक्री के लिए कई स्थान भी तय हो चुके है। ऐसे हालातों में नकली मावा की बिक्री को लेकर शहर में कई स्थान चिह्नित होने लगे है जहां बड़ी संख्या में नकली मावा ना केवल एकत्रित किया जाएगा बल्कि शादी समारोह में कैटरिंग के रूप में होने वाली शादियों में इस नकली मावे को ठिकाने की भी पूरी तैयारी की जा रही है। 

कैटरिंग शादियों में ठिकाने लगेगा नकली मावा

सूत्रों ने बताया है कि अधिकांश अप्रैल माह में कई सहालग समारो है इसे लेकर चर्चाऐं सामने आ रही है कि कैटरिंग के रूप में होने वाली कई शादी समारोह में यह नकली मावा ठिकाना लगाने की पूरी तैयारी की जा रही है। ऐसे में नकली मावा से जहां आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ होगा तो दूसरी ओर नकली मावा विक्रेताओं के हौंसले बुलंद है। जिसके चलते नकली मावा की बिक्री अभी से शुरू होने लगी है। कैटरिंग शादियों में अधिकांश लोग ठेके पर ही मिष्ठान के स्टॉल लगा देते है ऐसे में इन्हीं कैटरों के द्वारा नकली मावा को ठिकाने लगाकर तमाम तरह की मिठाईयां बना दी जाती है और उसकी स्टॉलें भी लगा दी जाती है इस तरह नकली मावा भी खप जाता है और कई लोग जब इसके प्रभाव में आ जाते है तो वह गर्मी के मौसम का प्रभाव बताकर अपने स्वास्थ्य को उससे जोड़ लेते है जिसका सीधा फायदा नकली मावा विक्रेताओं को मिलता है।

मिलावट पकडऩे पर भी कहीं दूर तक मावाखोरों पर कार्यवाही से दूर है खाद्य विभग

जिले के बदरवास में मिलावट खोर पकड़े जाने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अब खाद्य विभाग गर्मी के मौसम में अपना यह अभियान आगे भी चलाए रखेगा लेकिन बदरवास की कार्यवाही के बाद यह अभियान फिर से सुस्त हो गया। यही कारण है कि आने वाले समय में अब जब शादियों का मौसम शुरू होने वाला है और शहर में भी मिष्ठान विक्रेता और कैटरों के द्वारा खूब मावे की खरीदी की जाना है और तो और शहर में ही मावा विक्रेता मौजूद है बाबजूद इसके इन मावा विक्रेताओं पर कार्यवाही करने से खाद्य विभाग गुरेज क्यों कर रहा है? यह सवाल विभाग पर खड़े होते है क्योंकि मावा जैसी चीज की जांच होना आवश्यक है और समय-समय पर मिष्ठान विक्रेताओं सहित मावा के सैम्पल लिए जाने चाहिए ताकि मिलावटखोरों पर अंकुश लगाया जा सके। लेकिन खाद्य विभाग का ध्यान इस ओर ना होकर केवल अपने ही मंसूबों को पूरा करने जैसा प्रतीत होते है। 

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