अभिषेक जैन खुजराहो-विश्व वन्दनीय आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने मार्मिक उपदेश दियाऔर स्वभाव की कड़वाहट दूर करने का मार्ग बताया उन्होने कहा एक व्यक्ति वैध के पास जाता है कहता मेरे मुख की जिव्हा से हमेशा कड़वाहट का स्वाद आता है क्या करे आप बताये
व्यक्ति ने कहा २-3 बार मुख मुख शुद्ध कर लेता हु फिर भी वर्षो हो गये कड़वाहट नहीं गईं वैध जी ने कहा मुख धोने मात्र कड़वाहट नहीं जाती आशय स्पष्ट करते हुये वैध जी ने कहा विकृति बाद मे आती है उसका जन्म पेट से होता है उन्होने कहा आचार्य श्री कहते है विकृति बनी हुयी है उसकी चिंता पहले करो मुख की नहीं तो अगर ऐसा नहीं करेगे तो पेट की कडवाहट कैसे दूर होगी वैध जी ने विनम्र ह्रदय से कहा इसके लिए पूरा परिवर्तन करना होगा और आपको विशेष ध्यान देना पडेगा अन्यथा कुछ अलग रूप से विकृति आ सकती है और फिर हमारे पास भी आना पड़ सकता है किन्तु यदि भगवान के पास जाओ तो वे भी अच्छा करे इसलिए अपने परिणामो मे थोडा बदलाव लाये
आचार्य श्री ने विनम्र ह्रदय से कहा इस उदाहरण को अच्छे से समझो क्योकि मीठा सेवन के उपरांत भी कडवाहट बनी रहती है उन्होने कहा यह उदाहरणहमने आपके सामने रखा अब आप कहते है की महाराज जी मै बुराई से बचना चाहता हु क्या करू कोई पुडिया दो कोई गोलिया दो कोही फाकी हो तो दो लेकिन इनसे कडवाहट दूर होने वाली नहीं है
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
मुख धोने से कड़वाहट नहीं जाती जन्म पेट से हुआ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज
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Friday, September 28, 2018
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