बारा-आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा की व्यक्ति के जीवन मे मोन का बड़ा ही महत्व होता है। मोन के फायदे बताते हुए आचार्य श्री ने कहाँ जिसके जीवन मे कम बोलने का गुण आ जाये वो व्यक्ति सबसे बड़ा साधक बन जाता है। जानकारी देते हुए प्रवीण जैन बारा ने बताया की आचार्य श्री ने विस्तार पूर्वक मोन पर प्रकाश डाला। कहा कम बोलने का मतलब ये हे की सभी को ऐसी बोली का उपयोग करना जिनमे शब्द कम हो, लेकिन अर्थ विशाल हो।
ज्यादा बोलने से शब्दो की प्रति क्रिया से लक्ष्य की दिशा बदल जाती है। कई बार मोन हमें ना केवल गलत बोलने से बचाता है, बल्कि बोलने मे समय बचा कर निरंतर चिंतन के लिए प्रोत्साहित भी कर्ता है।
मोन होने का मोल अनमोल है" सर्वोत्तम नीति तो मोन ही है, जहाँ बोलना आवश्यक हो वहां अहंकार रहित ऐसी भाषा का उपयोग करना चाहिये, जो दूसरों को आनंद प्रदान करें, और खुद को भी आनंदित करें। इसके लिए मीठी वाणी का उपयोग अपने जीवन मे करें l चतुर व्यक्ति असामान्य परिस्थितियों मे मौन ही रहते है l
मन के मोन मे सभी प्रश्नों के उत्तर होते है l सभी को तोल मोल के बोलना चाहिए l
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी