खरीफ फसलो को कीट रोगों से बचाव हेतु कीटनाशकों का उपयोग करें

शिवपुरी,- उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी द्वारा कृषकों को खरीफ की प्रमुख फसलें सोयाबीन, उडद, मूंगफली, धान आदि में कीट रोग के बचाव के लिए सामयिक कृषि परामर्श दिया गया है। 


किसान भाई कीट रोग के नियंत्रण हेतु सोयाबीन में इल्ली नियंत्रण के लिए थायोमिथाक्सम $ लेम्डा सायहेलोथ्रिन 125 मि.ली./हैक्टेयर या इन्डोक्साकार्ब 330 मि.ली./हैक्टेयर 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। सोयाबीन में एन्थ्रेकनोज एवं पॉड ब्लाईट के नियंत्रण हेतु थायोफिनाइट मिथाइल 1 कि.ग्रा. अथवा टेबूकोनाझोल 625 मि.ली./लीटर अथवा हैम्साकोनाझोल 500 मि.ली./हैक्टेयर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। मूंगफली में टिक्का रोग दिखाई देने पर मेन्कोजेब फंफूदनाशक 2.5 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। उड़द/मूंग में पीला रोग नियंत्रण के लिए डायमिथोएट 1.5 मि.ली./लीटर पानी में घोलकर 10-12 पम्प प्रति एकड़ में छिड़काव करें। धान में कीटों की समस्या दिखाई देने पर कार्टप हाइड्रोक्लोराइड 7.5 कि.ग्रा./एकड़ में भुरकाव करें। खेतों में जलभराव की स्थिति न होने दें। पानी की निकासी की व्यवस्था करें। 


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