धर्म का साथ छोड़ने वाला समस्याओं में उलझ जाता है: आर्यिका विभाश्री माताजी


कोटा-जो धर्म का आश्रय छोड़ देता है वो समस्याओं से उलझ जाता है। यह बात आर्यिका विभाश्री माताजी ने गुरुवार को कुन्हाड़ी जैन मंदिर में धर्मसभा में कही।
उन्होंने कहा कि मनुष्य ऐसी-ऐसी जटिल परेशानियों में खो जाता है कि उसे तनाव हो जाता है। आजकल हर आदमी आकांक्षा के कारण डिप्रेशन से ग्रसित होता जा रहा है। विज्ञान भी इस बात को स्वीकार करता है कि 80 प्रतिशत बीमारियां मन के दुख के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति कम पैसों में जीना ही नहीं चाहता है। आर्यिका विभाश्री माताजी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सपन्नता तो बढ़ी है, लेकिन मन छोटा हो गया है। अच्छी सोच घट गई। प्रेम, वात्सल्य, सदाचार सब में गिरावट आई है। परामर्शक राजवीर गंगवाल ने कहा कि रजत दीक्षा महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 26 फरवरी को उत्सव वाटिका के सामने, कुन्हाड़ी में सुबह 9 बजे से होगा। छात्रावास समिति के अध्यक्ष देवेंद्र पांडया ने बताया कि नवनिर्मित विरागविभा बालिका छात्रावास में 22 फरवरी को प्रातः 7 बजे से भक्तामर का 24 घंटे का अखंड पाठ होगा।
    संकलण अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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