मोक्षकल्याण के साथ मुनिसवृत नाथ भगवान जहाजमन्दिर की मूल वेदी में विराजित

जहाजपुर -स्वस्तिधाम सचमुच स्वस्तिधाम हो गया जी हां स्वस्ति मानो मंगल और जब बाबा मुनिसुव्रत जहाजमंदिर की मूल वेदी में विराजित हो गए तो मानो सचमुच मानो मंगल धाम हो गया बाबा मुनिसवृत की जय जयकार की गूंज थी आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज आचार्य विनीत सागर जी महाराज आचार्य सुव्रतसागर जी महाराज व समस्त मुनि संघ सानिध्य व आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी व पंडित श्री जयकुमार निशान्त नितिन भया के सानिध्य में प्रातः कालीन बेला में मुनिसवृत बाबा को जहाजमंदिर में विराजित की गयी इसी बेला में आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी बहुत भाव विभोर हो गयी उन्होंने कहा आज  यह सब देख मन गदगद है मन इतना गदगद है कि मेरे पास आज शब्द नही है इस अवसर पर आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने कहा आज स्वस्तिभूषण माताजी का सपना साकार हो गया उन्होंने कहा मैं स्वयं माताजी को कहता रहता था आप कार्य करते जाओ सब कुछ मंगल ही मंगल होगा आपको कोई तकलीफ नही होगी इसी बेला में प्रात कालीन बेला मे मोक्षकल्याण की क्रिया सम्पन्न हुयी व मध्यांन बेला में गजरथ फेरी आकर्षण का केंद्र रही
 एतिहासिक पंचकल्याण मे से एक
  स्वस्तिधाम पंचकल्याण महोत्सव एतिहसिक पंचकल्याण महोत्सव में शुमार हो गया जो सचमुच किसी कीर्तिमान से कम नही अनेक राजनेता  व जानी मानी हस्तियों ने इसमे शिरकत की जिसमें राज्यपाल महोदय कलराज मिश्र ने भी शिरकत की व मंत्री श्री शान्तिधारीवाल व श्री प्रमोद जैन भाया ने भी शिरकत की साथ ही पूर्व विधायक श्री प्रहलाद गुंजल ने भी शिरकत की सभी ने इस क्षेत्र की भरी भूरी सराहना की क्षेत्र के विकास का व अन्य राजनेता भी यहाँ आये आश्वासन दिया साथ ही प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिला
  गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड वह इंडिया बुक में आया स्वस्तिधाम
 इस पंचकल्याण की बेला एक विश्व कीर्तिमान बना गयी जब स्वस्तिधाम का नाम गोल्डन बुक रिकॉर्ड में और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ यह किसी कीर्तिमान से कम नही है
  राजगृही का सुंदरतम नज़ारा व सभी व्यवस्थाओ सुंदरतम रही 
  मैं स्वयं वहां उपस्तिथ रहा वहा का नज़ारा देखा जो साक्षात संमवसरण का दिग्दर्शन करा रही थी वहा की झटा अद्वितीय थी जंगल मे मगल हो रहा था आवास व्यवस्था तो सोने पे सुहागा थी आवास व्यवस्था की सभी ने भरी भूरी सराहना की भोजन अल्पहार व अन्य व्यवस्था जो अविस्मरणीय रही 
 देश विदेश के 4000 से अधिक कार्यकता बन्धु ने अपनी सेवा दी
  इस पंचकल्याण की बेला मे देश विदेश के 4000 से अधिक कार्यकर्ता बन्धु ने अपनी सेवा प्रदान की जो सचमुच काबिले तारीफ है 
  जन्मकल्याण की शोभायात्रा भी कीर्तिमान 
  जन्मकल्याण की शोभायात्रा जब नगर मे निकली तो कीर्तिमानों का शिखर बना गयी जो 3 km से अधिक लबी शोभायात्रा रही अनेकों दिव्य घोष क्या अद्वितीय थे भक्तो का समूह की गणना करना संभव नही जो अब तक की सर्वोत्तम शोभायात्रा में से एक है मैं जितना वर्णन करू कम है यह ऐसा अद्वितीय पचकल्याण रहा जो सचमुच भूतो न भविष्यति है मै इस आयोजन को अपना स्वर्णिम पल मानता हूं अपने को धन्य मानता हूं की मुझे इस पचकल्याण महोत्सव में समिति ने प्रचार प्रसार का दायित्व मिला 
   अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की यह रिपोर्ट

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