प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच अप्रैल की रात नौ बजे सभी लोग घर की सभी लाइटें बंद करेंगे और चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं।
शुक्रवार तीन अप्रैल को आज प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के अंधकार को प्रकाश की ताकत से हराने की आवश्यकता है। उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, "उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्।" यानि, हमारे उत्साह, हमारी आत्मा से बड़ी ताकत दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देशवासियों से कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से कहा कि इस रविवार पांच अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें, 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। उन्होंने देशवासियों से रविवार की रात के नौ मिनट मांगे हैं।
पीएम ने देशवासियों से कहा कि अपने घर की सभी लाइटें बंद करके घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट के लिए मोमबत्ती दीया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं और उस समय घर की सभी लाइटें बंद करें।
उन्होंने साथ ही देशवासियों से निवेदन करते हुए कहा कि मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है।