गांजे के कश से धुआं बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी, प्रसाशन बेखबर

हितेश जैन पोहरी- पोहरी मैं इन दिनों गांजे का कारोबार अपनी चरम सीमा पर है जहाँ तक की नाबालिक बच्चे भी गांजे की लत के चपेट मैं आने लगे है। गांजे कारोबारियों के द्वारा पोहरी में जगह जगह गांजे का धंधा किया जा रहा है, औऱ दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है, इन दिनों पोहरी के युबाओ का भविष्य अंधकार में  जाता जा रहा है, और पुलिस प्रशासन को इस बात तक की सुध तक नही है।

जानकारी के अनुसार पोहरी में इन दिनों गांजा मिलना इतना आसान हो गया है कि गांजे की पुड़िया जगह जगह स्टालो पर मिल जाती है, जिसे खरीदना आसान है। गांजे की बिक्री पोहरी में कही कही की जा रही है जिसमे कुछ स्थान तो ऐसे है जो थाने से कुछ दूरी पर ही है, गांजा पोहरी की जनता पर हाभी होता जा रहा है, जिसमें युबाये दिन ब दिन इसकी चपेट मैं आते जा रहे है, गांजे के कारोबारियों के   द्वारा जगह जगह अपने दलाल पहलाये गए है जो आसानी से गांजे की तस्करी इधर से उधर करते है, ये सब देखने मे तो ऐसा लगता है कि पुलिस प्रशासन को इसकी खबर होते हुए भी मौन बनी बैठी है, 

पुलिस प्रशाशन द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया, जिससे गांजे का धंधा बेखोफ किया जा रहा है, समय समय पर जनता द्वारा प्रशासन को इसकी सूचनाएं भी पहुचाई गयी है, मगर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई, सूत्रों से तो इतना तक ज्ञात हुआ है कि जगह जगह गांजे पीने और पिलाने वालो के फड़ लगे रहते है जहाँ इकठ्ठा होकर सामूहिक रूप से इसका सेवन किया जाता है, ऐसा लग रहा है 

पोहरी मैं प्रशासन का कोई खोफ नही रहा अब, पुलिस प्रशासन की लापरबाहियो पर हमेशा सवाल उठते रहे है फिर भी प्रशासन सोया हुआ है, जहा तक सट्टे का कारोबार हो या शराब की गाव गाव अबैध बिक्री हो, लगता तो ऐसा है कि ये सब अबैध धंधे पुलिस प्रशासन की देख रेख मैं किये जा रहे हो।

गाँव गाँव मे दलालो द्वारा पहुचाया जा रहा है गांजा।

पोहरी तहसील के लगे हुए गांव जैसे कि परिच्छा, बमरा, बछौरा, राठखेड़ा, अगर्रा, घटाई, वेशी और गाँव भी है जहाँ गांजे की बिक्री जोरो से की जा रही है। गांजे ब्यापारियों द्वारा गांजे की पुड़िया वनाकर जगह जगह स्टालो पर रखबा दिया जाता है, जहा से इसकी बिक्री धड़ल्ले से की जाती है,

पुलिस प्रशासन द्वारा इस अबैध धंधे को रोकने के लिए अभी तक प्रयास तक नही किया गया, इन सब बातो से प्रशासन की मिलीभगत कही न कही उजागर सी होती हुई प्रतीत हो रही है।

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