शिवपुरी-भारतीय जनता पार्टी के नेता धैर्यवर्धन शर्मा द्वारा जिस प्रकार का बयान जारी किया गया है कि कांग्रेस के नेता पार्षद और श्रीराम कॉलोनी के बाशिंदे झूठी वाही-बाही के लिए कलेक्टर चेंबर में सांप लेकर के पहुंचे तो उनको यह समझना चाहिए कि जब उनके घर में सांप निकलता तब उनकी क्या हालत होती है।इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना बयान देकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की इस जनसुनवाई कार्यक्रम की पोल खोलने का जो प्रयास किया है उसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं क्योंकि उन्होंने कहा है कि कांग्रेस शासित नगर पालिका में अध्यक्ष जी के घर पर सांप लेकर के जाना चाहिए तो उनको इतना तो मालुम होगा कि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की नहीं भाजपा की है।जब प्रदेश सरकार झूठी वाही वाही लेने के लिए यह घोषणा करती है कि जनसुनवाई में किसी भी प्रकार के आवेदन किसी भी क्षेत्र के लोग जा कर के दे सकते हैं तो फिर श्री राम कॉलोनी के बाशिंदे अपनी पीड़ा को ले करके जनसुनवाई में नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे यह तो श्री राम कॉलोनी और शिवपुरी शहर के नागरिकों का घोर अपमान धैर्यवर्धन शर्मा जी ने किया है।जहां तक पार्षद और अध्यक्ष का सवाल उठता है तो कि किसी भी संस्था में उनको मालूम होना चाहिए कि जन प्रतिनिधि आदेश देते हैं और क्रियान्वयन अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा किया जाना होता है। किसी भी संस्था का जो जनप्रतिनिधि पदाधिकारी होता है वह अपने प्रशासनिक अमले को निर्देश देकर के काम कराता है काम करने का उत्तरदायित्व प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों का होता है। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी कांग्रेस शासित नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के क्षेत्रों में काम ना करके नगर पालिका की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं ऐसी परिस्थिति में श्रीराम कॉलोनी के बाशिंदे कलेक्टर के पास नहीं जाएंगे तो और कहां जाएंगे यह धैर्यवर्धन शर्मा जी को समझना चाहिये।वह शिवपुरी के लोगों का अपमान न करें।वह अभी भी आकर श्री राम कॉलोनी में लोगों की पीड़ा को देखे फिर वयानवाजी करे।