भाजपा के लिए चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी

राजनीतिक हलचल-साल 2018 मध्यप्रदेश में चहलकदमी भरा है क्योंकि साल के अंत मे चुनावी पर्व का महाकुंभ होने जा रहा है और इतना ही नहीं हर कोई इसमें डुबकी लगाने के लिए अपने अपने पांसे फसाने की कोशिश में है । भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । शब्दों के तीर अब ऐसे निकल रहे हैं कि राजनीतिक आस्था को छलनी कर रहे हैं । शब्दों की मर्यादा को भूलकर कुछ भी बोला जा रहा है तो दोनों ही दल एक दूसरे को घेरने के लिए मौके की तलाश में है ।
      जब बात गुना सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की हो तो भाजपा बोलने में पीछे नहीं हटती है । मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना गढ़ में भाजपा सेंध लगाने की कोशिश तो करती है मगर कामयाब नही  हो पाती । यही कारण है कि भाजपा उनके श्रीमंत शब्द और जनता द्वारा महाराज कहने पर एतराज जताती है और ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेर लेती है । साथ ही आरोप लगाती है कि महाराजा हैं जो कि जमीन से नहीं जुड़े हैं और आरोप लगाए जाते हैं कि सिंधिया वंश ने देश के साथ गद्दारी की थी ।
  लेकिन इन्ही आरोपों को लेकर सिंधिया परिवार के सदस्य भाजपा की संस्थापक सदस्य राजमाता विजया राजे सिंधिया ,वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री राजस्थान,और  यशोधरा राजे सिंधिया केबिनेट मंत्री की आती है तो ख़ामोश हो जाती है । अब तो ये वही बात हुई न कि चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी

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