पोहरी में सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली

"सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली" यह कहावत तो आपने सुनी होगी लेकिन यह कहावत इस समय पोहरी विधानसभा पर सटीक बैठ रही है । वाकया कुछ ऐसा है कि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोगों ( शायद जनता नहीं ) लोग इस बात का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर देखे जाते हैं कि इस बार पोहरी में बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा । जबकि वर्तमान विधायक भी विधानसभा क्षेत्र से बाहर से है । उनका वर्तमान निवास शिवपुरी है, और पोहरी में उनको दो बार से लगातार जन आशीर्वाद मिल रहा है । भाजपा व कांग्रेस एव निर्दलीय बाहरी प्रत्याशी को भी पोहरी की जनता ने आशीर्वाद दिया है ।
फिर चुनाव पास आते ही यहां मुद्दा मूल रुप क्यों ले लेता है पोहरी की जनता को इस पर कोई आपत्ति नही है तो कुछ लोग हर बार चुनाव में इसे मुद्दा क्यों बनाते है। यानी पोहरी की जनता हर बार से बाहरी व्यक्ति को विधायक बनाकर बाहरी को मुद्दा बना रही है तो हुई न वही कहावत कि "सौ - सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली"  । अब ये मुद्दा किसलिए बन रहा है ये वही जाने लेकिन राजनीतिक गलियारों की चर्चा सुनने को मिल ही जाती है ।

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