सुदामा और श्रीकृष्ण के अटूट मित्रवत मिलन के दृश्य को देख भावविभोर हुए दर्शक 

शिवपुरी। मध्यदेशीय अग्रवाल समाज द्वारा आयोजित किए जा रहे रासलीला महोत्सव के पांचवे दिन कलाकारों ने मध्यदेशीय अग्रवाल धर्मशाला में वृन्दावन से पधारे कलाकारों द्वारा विष्णु ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में भक्तराज सुदामा के चरित्र को अपनी अदाकारी से जीवंत कर दिया। गरीब ब्राह्मण सुदामा व द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण के अटूट मित्रवत मिलन का दृश्य देख दर्शक भाव-विभोर हो उठे। रासलीला मंचन में यह दिखाया गया कि गरीबी से परेशान सुदामा अपनी पत्नी की प्रेरणा से बचपन के मित्र श्रीकृष्ण से कैसे मिलने जाते हैं, और वहां फटेहाल सुदामा को देखकर कोई उन्हें महल में घुसने नहीं देता। बाद में किसी तरह से द्वारपाल के माध्यम से सुदामा के आने की खबर श्रीकृष्ण को मिलती है और वे सुदामा से मिलने नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं। अपने बचपन के अजीज दोस्त सुदामा की दयनीय दशा देखकर द्वारकाधीश के नयनों से झर-झर आंसू गिरने लगते हैं, जिससे सुदामा के चरण धुल जाते हैं। श्रीकृष्ण और सुदामा के अद्भुत मैत्री व प्रेम को देखकर आकाश से फूलों की वर्षा होने लगती है। कलाकारों ने भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग पर शानदार नाटक मंचन कर आम जनमानस को मित्रता के कर्तव्यों से रूबरू कराया। रासलीला मंडल के विष्णु ठाकुर जी महाराज ने अपने अभिनय के माध्यम से लोगों को बताया कि मित्रता में छल और कपट से सदैव दूरी बनाए रखने का प्रयास हर किसी को करना चाहिए। वर्तमान दौर में मित्रता के मूल्यों में गिरावट आई है। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सैंकड़ों समाजबंधुओं को महेश गोयल, सोनू गोयल की ओर से अन्नकूट प्रसाद का वितरण किया गया। 


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