सचिन मोदी खनियांधाना , नगर में इन दिनों माता-पिता की लापरवाही तथा स्कूल , कोचिंग संचालकों की अनदेखी के चलते सैकड़ों की संख्या में नाबालिग छात्र-छात्राएं मोटरसाइकिल , स्कूटर इत्यादि वाहन दौड़ाते हुए घूम रहे हैं । क्योंकि इन नाबालिक चालकों के पास ना ही लाइसेंस होता है ना ही वाहन चलाने का इतना ज्यादा अनुभव होता है इसलिए आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं पर पुलिस में कोई इसलिए नहीं जाता कि बच्चों की गलती समझ कर छोड़ देते हैं लेकिन किसी भी दिन यह बड़ा रूप धारण कर सकती है । जानकारी के मुताबिक नगर में संचालित हाई स्कूल , हायर सेकंडरी विद्यालयों में अथवा गली-गली में खुले दर्जनों कोचिंग संस्थानों में पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं में अधिकांश अपने माता-पिता की स्कूटी या मोटरसाइकिल उठाकर फर्राटा भरते हुए चले आते हैं । अपनी व्यस्तताओं के कारण ना माता पिता इन्हें छोड़ने लेने आते हैं ना ही कोचिंग संचालक कुछ कहते हैं जबकि शासकीय नियमानुसार यह बिल्कुल गलत तरीका है बिना लाइसेंस के वाहन चलाना अपराध है तथा समय-समय पर ऐसे वाहन चालकों की चेकिंग भी होना अति आवश्यक है । यही नहीं प्रतिदिन सैकड़ों ऐसे वाहन थाने के सामने से ही गुजरते रहते हैं लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता जबकि यदि पुलिस प्रशासन चाहे तो ऐसे विद्यालय और कोचिंग सेंटरों को स्पष्ट निर्देश दे सकती है यदि आपके संस्थान में पढ़ने आने वाला बालक-बालिकाएं बिना लाइसेंस के बाहन चलाकर लाएं तो आप उनको प्रवेश ना दें ।
क्या है लायसेंस का नियम-केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में स्पष्ट उल्लेख है कि 18 वर्ष की उम्र के पहले ना ही लाइसेंस बन सकता है और ना ही ऐसा कोई व्यक्ति वाहन चला सकता है जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं हो । लेकिन यदि कोई बिना गियर की मोपेड 60 सीसी से कम है तो 16 वर्ष की उम्र के बाद भी इसको चलाने का लाइसेंस आरटीओ द्वारा जारी किया जा सकता है ।
इनका कहना है :-
" जब से में खनियांधाना आया हूं खुद घूम घूमकर व्यवस्थाएं सुधारने के प्रयासों में लगा हुआ हूं । नाबालिग वाहन चालकों की समस्या पर भी में शीघ्र अभियान छलांग तथा ऐसे नाबालिगों के माता-पिता को बुलाकर पहले उन्हें समझाइश देंगे यदि फिर भी उन्होंने वाहन सौंपा तो हम कार्यवाही करेंगे ।
- प्रदीप वाल्टर , टी आई , खनियांधाना