अभिषेक जैन खुरई-प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर में रविवार काे पाठशाला के बच्चाें ने पारंपरिक वेशभूषा में मुनिश्री पवित्रसागरजी महाराज, मुनिश्री प्रयाेग सागर जी महाराज के सानिध्य में पूजा,अर्चना की। श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा मंत्राेच्चार के बीच की गई। बच्चाें ने पूजा के छंदाें काे दाेहराया अाैर अष्टद्रव्य के अर्घ्य समर्पित किए। बच्चाें ने जयकारे लगाए।
बच्चाें ने ही इंद्राें के रूप में मुख्य पात्र बनकर पूजन किया। मुनिश्री प्रयाेग सागर जी महाराज ने मंत्राेच्चार किया। संगीत राहुल जैन एवं अादिनाथ म्यूजिकल ग्रुप ने दिया।
इस अवसर प्रवचन देते हुए मुनिश्री प्रयाेग सागर महाराज ने कहा कि शरीर के लिए भोजन तो आवश्यक है मगर कब, कितना और कैसा भोजन करना चाहिए? इसके लिए विज्ञान विवेक अावश्यक है। न केवल जैन धर्म में अपितु अनेक धर्मों में हिंसा से बचने के लिए रात्रि-भोजन वर्जित बताया गया है। रात में किए गए भोजन से हिंसा का पाप तो लगता ही है, स्वास्थ्य के लिए भी अहितकारी है, हानिप्रद है। विज्ञान ने गहरे अनुसंधान के बाद यह प्रतिपादित किया है कि मानव का तेजस केन्द्र जो भोजन को पचाने का काम करता है, सूर्यास्त के पूर्व सूर्य की गर्मी के कारण सक्रिय रहता है और सूर्यास्त के बाद तेजस केन्द्र थोड़ा सिकुड़ जाता है, निष्क्रिय हो जाता है। ऐसी स्थिति में हमारा तन व मन अस्वस्थ्य होता है। उन्हाेंने कहा कि आयुर्वेद सिद्धांत की मान्यतानुसार रात विश्राम के तीन या चार घटे पूर्व भोजन हो जाना चाहिए। रात में किया गया भोजन आहार नली में ही पड़ा रहता है, पचता नहीं है, बल्कि सड़ता भी है और वैसा ही मल द्वारा निकल जाता है। इससे धीरे-धीरे पाचन क्रिया बिगड़ जाती है और बदहजमी का शिकार होना पड़ता है।
शरीर रोगी हो जाता है। रात में किया गया भोजन स्वास्थ्य के लिए अहितकारी तो है ही, साथ ही अहिंसा के व्रत को भी भंग करता है। छोटे-छोटे उड़ने वाले जीव सूर्य के प्रकाश के कारण इधर-उधर दबे-छिपे बैठे रहते हैं। सूर्यास्त के बाद वायु मण्डल में छा जाते है। इसके अलावा बिजली के उपकरणों से भी कई छोटे-छोटे जीव उत्पन्न होकर उसके पास मण्डराते रहते हैं, ये सभी जीव-जीवाणु भोजन सामग्री में गिर जाते हैं। इस प्रकार हम हिंसा व पाप के भागीदार तो बनते ही हैं, अनेक रोगों के शिकार भी बन जाते हैं। इसलिए सूर्यास्त के पहले भाेजन कर लेना चाहिए।
धर्मों में हिंसा से बचने के लिए रात्रि भोजन वर्जित बताया
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Monday, November 19, 2018
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