योगेन्द्र जैन पोहरी-मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही विधुत विभाग भी अघोषित कटौती के लिए तैयार हो गया है 15 साल पहले कांग्रेस की सरकार में इसी प्रकार से बिजली कटौती की जाती थी। जो वर्ष 2003 के चुनाव में बिजली भी सबसे बड़ा मुद्दा चुनाव में था।पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय ग्रामीण क्षेत्र में 4 से 5 घंटे बढ़ी मुश्किल से बिजली मिल पाती थी शहरीय क्षेत्र के भी इसी प्रकार के हालात कांग्रेस सरकार में रहे थे।
2018 के चुनाव में जनता ने जनादेश कांग्रेस को देने के 10 दिनों बाद ही विधुत विभाग की मनमानी माने या अघोषित बिजली कटौती का एक जरिया बना लिया है।
हम बात कर रहे है शिवपुरी जिले से 33 किमी दूर पोहरी तहसील के पोहरी नगर में ही 10 से 12 घंटो की बिजली कटौती से जनता के साथ छात्र भी परेशान नजर आ रहे है भाजपा सरकार में 22 घण्टे बिजली मिलने वाले पोहरी क्षेत्र में अब जनता को 12 घण्टे ही बिजली मिल पा रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा।पोहरी नगर में बैठे अधिकारियों को अब सरकार का भय नही रहा है इस लिया अपने मर्जी से पोहरी नगर में 12 घंटे की अघोषित कटौती कर रहे है जबकि छात्रों की पढ़ाई भी अघोषित कटौती के चलते प्रभावित हो रही है
इनका क्या कहना है
सरकार बदल गई है अब तो कटौती शुरू हो गई है अभी तो 12 घंटे ही बिजली मिल रही है लगता है गर्मियों में तो 4 घण्टे ही बिजली नही मिलेगी
गिर्राज ग्रामीण
कोई सुने वाला नही है पता नही कब लाइट आती है छर्च में तो 6 घंटे ही बिजली मिल रही है
राजेंश ग्रामीण
जानकरी लेते है कि किस बजे से कटौती की जा रही है
मुकेश सिंह एसडीएम पोहरी