भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज ले रही है। सरकार ने 800 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं। सरकार द्वारा बाजार से अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के नाम पर ये कर्ज लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह कर्ज 10 साल के लिए होगा। मध्यप्रदेश सरकार इससे पहले 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। अगर बात मध्यप्रदेश पर कर्ज को लेकर करें तो पिछले साल तक मध्यप्रदेश पर 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपए कर्ज था। सरकार का कहना है कि यह कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया जा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने मतगणना से पहले भाजपा पर निर्दलीय और बागियों को लेकर हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा का पुराना इतिहास रहा है खरीद-फरोख्त का।
आचार संहिता में होगी कैबिनेट बैठक: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो गई है। परिणाम 11 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। उससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक बुलाई है। 5 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक को लेकर विवाद भी बढञता जा रहा है। शिवराज कैबिनेट के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कैबिनेट के लिए सरकार चुनाव आयोग से अनुमति नहीं लेगी। उन्होंने ये भी कहा कि हम आचार संहिता के नियमों से वाकिफ हैं। इस बयान को चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीएल कांताराव के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैबिनेट की बैठक को लेकर आयोग को कोई पत्र नहीं मिला है और न ही कोई अनुमति ली गई है।
मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर लेगी 800 करोड़ रुपए का कर्ज,जारी किया नोटिफिकेशन
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Wednesday, December 05, 2018