सिंधिया के खिलाफ भाजपा के पास नहीं है चेहरा



राजनीतिक हलचल-लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मिशन 29 लेकर चल रही हैं लेकिन भाजपा के पास विजयी प्रत्याशी की कमी दिख रही है । जिन महाराज को कोलारस और मुंगावली उपचुनाव में भाजपा ने पूरे शिव सरकार ने घेरने की कोशिश की वो नाकाम रही, बाद में भाजपा ने महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया को विधानसभा चुनाव में "माफ करो महाराज" कहकर टारगेट किया बाबजूद उसके भाजपा सिंधिया के गृह क्षेत्र में चारों खाने चित्त हो गई । ऐसे में अब भाजपा के पास सिंधिया के खिलाफ प्रत्याशी नहीं मिल रहा है , सामंतवाद के खिलाफ तेज तर्रार रहने वाले जयभान सिंह पवैया अपनी सीट खुद नहीं बचा पाए और शिवराज सरकार के सिप सलाहकार नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने पूर्व में ही आजमा कर देख लिया जिसके परिणाम कुछ खास नहीं मिले ।
      राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा है कि सिंधिया के खिलाफ शिवराज सिंह को लड़ाया जाए ताकि सीट भले ही न जीत पाएं मग़र सिंधिया को उनके ही घर में घेरकर रखा जा सकता है ताकि अन्य सीटों पर सिंधिया की लोकप्रियता का प्रभाव नहीं दिखेगा साथ ही शिवराज सिंह के गुना से चुनाव लड़ने का एक और फायदा भाजपा को मिल सकता है वो ये है कि अंचल में किरार समाज के वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में किया जा सकता है । इन सब नामों के अलावा जो फैक्टर शिवराज सिंह के लिए देखे जा रहे हैं उन्हीं के आधार पर अंचल की एक महिला नेत्री के नाम की चर्चा जोरों पर है, वो भी किरार समाज से ही है उनको लेकर आजकल सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा एक कैम्पिंग की जा रही है और अपनी दावेदारी वो खुद पार्टी के सामने पेश कर रही हैं इस बात की भी खबर है । इसके अलावा यादव समाज से भी एक नेताजी के नाम पर भी चर्चा है ।आने वाले समय में क्या होगा ये तो वक़्त ही बता पाएगा लेकिन फिलहाल तो भाजपा के पास सिंधिया के खिलाफ चेहरे की कमी खल रही है ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.