गण्धराचार्य 108 कुन्थु सागर महाराज ने दिया दोनो हाथों से मंगल आशीष



कोल्हापुर (महाराष्ट्र)-परम पूज्य गणधराचार्य 108 कुन्थु सागर जी महाराज (ससंघ) अतिशय क्षेत्र कुन्थुगिरी महाराष्ट्र में विराजमान है। यहाँ पर देव शास्त्र गुरू के परम भक्त उदारमना व्यवहार कुशल प्रभावशाली व्यक्त्वि के धनी मृदु भाषी समाजसेवी श्रदेय ऋषभ जी जैन भवानीमंडी (राज) ने जब आचार्य महाराज को बताया कि  जैन युवा पत्रकार गौरव पारस जैन पाटनी  पार्श्वमणि कोटा (राज) को उनकी 30 वर्षो की पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जैन गजट  राष्ट्रीय संवाददाता के पद पर नियुक्त किया गया है।
*तो उन्होंने पुलकित मन से प्रशन्नचित मुद्रा से दोनों हाथों से अपना मंगल आशीर्वाद प्रधान किया।*
*विदित हो कि आचार्य महाराज 30 वर्षो की विभिन्न आयोजनों अनुष्ठानो की  कवरेज फाइल पारस जैन पार्श्वमणि की देख चुके है। जब पार्श्वमणि* *सपरिवार यहाँ दर्शनार्थ आये थे।*भावभरे भजनों की प्रस्तुति भी दी थी। कुमारी गरिमा जैन ने भी अपने भजन सुनाये थे। यहाँ एक बार आने के बाद जाने को मन नही करता। प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच बसे पहाड़ी पर चारो ओर का नजराना बहुत खूबसूरत है। परम आदरणीय बाल बह्रमचारी विमल भैया जी का बहुत वात्सल्य स्नेह मिला था। विदित हो कि भैया जी का बहुत साल पहले कोटा प्रवास रहा था।*
*पारस जैन "पार्श्वमणि" पत्रकार के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते है।*

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