हाटपिपल्या-नगर के पार्श्वनाथ जिनालय में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा आयोजित श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान उपरांत हवन पूर्णाहुति की गयी सर्वत्र सुख, शांति और समृद्धि के निमित्त उदेश्य लिये यह किया गया। इसके उपरांत बैंडबाजों की धार्मिक धुन और स्वर लहरियों के बीच नगर के प्रमुख मार्गों से श्रीजी की शोभायात्रा निकाली गई। भक्तो ने जगह-जगह श्रीजी की मंगल आरती की
सौधर्म इंद्र के रूप में प्रदीपकुमार मनोहरलाल चांदवाड़ ने श्रीजी का अभिषेक किया। दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति की महान परंपरा में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के बाद अत्र-तत्र-सर्वत्र महामंगल कामनाओं के साथ विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। इसी तारतम्य में लोक मंगलकारी पुनीत पावन मनो भावनाओं के साथ विधान का समापन हुआ ।
जैन दर्शन में जीव मात्र के कल्याण की परिकल्पना को आत्मसात करते हुए व्यावहारिक रूप से उसे चरितार्थ करने को प्राथमिकता दी जाती है। श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के माध्यम से सिद्धप्रभु की आराधना के बाद विश्वशांति महायज्ञ इन्हीं धारणाओं की पुष्टि करता है। आभार सकल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष पवनकुमार चांदवाड़ व अशोक कुमार वी छाबड़ा ने माना।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी