तीर्थयात्रा वही फलदायक ,जो स्वयं के द्रव्य से हो- श्रमणमुनि विहर्ष सागर*


आगरा, दि.17 जुलाई,  श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर, कमलानगर  मे  अपनी प्रात:कालीन प्रवचन सभा मे बोलते हुये राष्ट्र सन्त विहर्ष सागर जी मुनिराज ने कहा कि आज कल फैशन चल पढा है कि सम्मेद शिखर आदि तीर्थ  क्षेत्र पर पूरी की पूरी ट्रेन भरकर निशुल्क  तीर्थ यात्रा कराने ले जाया जाता है, उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था उनके लीये की जाती है जो निराश्रित हैं, लाचार हैं, जिनके परिवारी जन यात्रा नहीं करा सकते, परन्तु देखने में आता है कि ऐसी यात्रा में  वे भी जा रहे हैं जो सक्षम हैं, और जो मात्र  निशुल्क में मिलने वाली सुविधायें और भोजन व मौज मस्ती के उद्देश्य के लीये जा रहे हैं! उन्होंने कहा कि एसा करना गलत है और कभी भी फलदायक नहीं हो सकता, उन्होंने कहा कि पूजा, तीर्थ यात्रा, दान अपने स्वयं या अपने या अपने परिवारीजन के द्रव्य से करना चाहिये, वो ही फलदायक है! हां निराश्रित, लाचार लोगों को निशुल्क तीर्थ यात्रा कराने ले जाना बिलकुल उचित है!
  संकलित अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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