मुनिश्री ने दिलाया आत्महत्या नहीं करने और पेड़ नहीं काटने का संकल्प


चँदेरी-मुनि श्री सुब्रत सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। आज की भागम भाग जिंदगी से बचने और शांति के लिए सुबह शाम कुछ देर ईश्वर का नाम लें। हमें अपने धर्म पर विश्वास करके श्रद्धा के साथ अनुष्ठान करके अपने जीवन को धर्ममय बनाना चाहिए। हमारे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है श्रद्धा, अपनी श्रद्धा को मजबूत रखते हुए प्रत्येक कार्य करें अथवा प्रत्येक कार्य का उद्देश्य अपने श्रद्धा को मजबूत करना होना चाहिए। सिद्धचक्र विधान मंत्र जाप हवन में बहुत सारी शक्तियां होती हैं इनके प्रभाव से भूत देव भिभंतर आज की बाधाएं नहीं होती और अगर किसी को हो भी जाए तो इस अनुष्ठान से दूर हो जाते हैं। ऐसा पुराने समय की बात नहीं है बल्कि आज भी इस के मंत्रों का प्रभाव देखने को मिलता है भक्ति अनुष्ठान में जैन धर्म का सबसे बड़ा अनुष्ठान सिद्ध चक्र महामंडल विधान माना जाता है। मुनि श्री ने उपस्थित माताओं बहनों को अपने परिवार में सामंजस्य बैठाने के लिए कभी भी तलाक नहीं लेने, आत्महत्या नहीं करने और पेड़ नहीं काटने का संकल्प दिलाया।
    संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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