नेमावर -प्रतिभा स्थली डोंगरगढ़, रामटेक, जबलपुर, इंदौर एवं पपोरा से करीब 1800 छात्राएं एवं 200 दीदियां आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नेमावर पहुंची है। उन्होंने आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त कर उनके समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। पपोरा की छात्राओं ने लघु नाटिका के माध्यम से हिंदी भाषा का महत्व बताया। जबलपुर की छात्राओं ने तिरंगे की महत्ता बताई। इंदौर की छात्राओं ने आचार्यश्री से चातुर्मास समाप्ति के बाद इंदौर स्थित प्रतिभा स्थली पधारने का निवेदन किया। इस दौरान आचार्यश्री ने कहा हमने भारत को साक्षर बनाया पर समझदार नहीं, जिस राष्ट्र के नागरिक समझदार होते हैं वह राष्ट्र विकास के पथ पर अग्रसर होता है। आजकल अभिभावक स्कूलों में ज्यादा सुविधाएं देखते हैं। सुविधाजनक स्थान को विद्यालय मानते हैं। पहले शिक्षा विद्यालय में प्राप्त होती थी। घर भी एक विद्यालय होता था। गुरुकुल थे, भारतीय शिक्षा पद्धति में पेड़ों के नीचे बैठाकर पढ़ाया जाता था।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी