सवाईमाधोपुर- सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आर्यिका विशुद्धमति ससंघ के सानिध्य एवं आर्यिका विज्ञमति की प्रेरणा से स्वर्ण वर्षायोग समिति के तत्वावधान में मुनिसुव्रतनाथ विधानमण्डल पूजन का श्रद्धापूर्वक आयोजन किया गया।
वर्षायोग समिति के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि भक्ति और आस्था के रंग से सराबोर अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में विश्व की सुख-समृद्धि व शांति की कामनार्थ मुनिसुव्रतनाथ विधान मंडल का निर्मल भावों से पूजन कर इन्द्र-इन्द्राणियों ने मंत्रोचारपूर्वक मण्डल पर 64 अर्घ्य समर्पित किए और जिनेन्द्र भक्ति के सुमन संचय किए। विधान मण्डल पूजन से पूर्व प्रमुख पात्रों की भूमिका निभाते हुए मण्डल पर मंगल कलशों एवं मंगल दीपक की विधिवत स्थापना की गई।
पूजन के दौरान ब्रह्मचारिणी अदिती,दीदी श्रद्धालु गण द्वारा भक्ति की रसधार बहाकर व इन्द्र-इन्द्राणियों को नृत्य के सरोबर में डुबो दिया। महाअर्घ्य समर्पण, शांतिपाठ एवं विसर्जन विधि के साथ धर्म प्रभावनापूर्वक विधान मण्डल की पूजन सम्पन्न हुई। पूजन के उपरांत भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मंगल आरती उतारी गई। इस अवसर पर कई श्रद्धालु मौजूद थे।
वर्षवर्धन दिवस मनाया:
आयोजन की श्रृंखला में आर्यिका विज्ञमति माताजी का 50वां वर्षवर्धन दिवस भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आर्यिका की वंदना करते हुए ज्ञान को अक्षीण रखने एवं अक्षय पद को प्राप्त करने की भावना से प्रेरित होकर श्रद्धालुओं ने उन्हें शास्त्र एवं वस्त्र भेंट किए गए। साथ ही आर्यिका की यशोगाथा गाते हुए एवं भाव-भीनी अभिव्यक्तियां प्रस्तुत करते हुए उनके यशस्वी एवं साधनारत जीवन की जिनेन्द्र देव से मंगल कामना की।
इस मौके पर आर्यिका विशुद्धमति माताजी ने कहा कि ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का भाव रखना चाहिये। क्योंकि देव-शास्त्र-गुरु की भक्ति ही आत्मसिद्धि का साधन है। कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण वर्षायोग समिति के अध्यक्ष सहित समाज के गणमान्य महिला-पुरूष काफी संख्या में मौजूद थे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
वर्षायोग समिति के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि भक्ति और आस्था के रंग से सराबोर अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में विश्व की सुख-समृद्धि व शांति की कामनार्थ मुनिसुव्रतनाथ विधान मंडल का निर्मल भावों से पूजन कर इन्द्र-इन्द्राणियों ने मंत्रोचारपूर्वक मण्डल पर 64 अर्घ्य समर्पित किए और जिनेन्द्र भक्ति के सुमन संचय किए। विधान मण्डल पूजन से पूर्व प्रमुख पात्रों की भूमिका निभाते हुए मण्डल पर मंगल कलशों एवं मंगल दीपक की विधिवत स्थापना की गई।
पूजन के दौरान ब्रह्मचारिणी अदिती,दीदी श्रद्धालु गण द्वारा भक्ति की रसधार बहाकर व इन्द्र-इन्द्राणियों को नृत्य के सरोबर में डुबो दिया। महाअर्घ्य समर्पण, शांतिपाठ एवं विसर्जन विधि के साथ धर्म प्रभावनापूर्वक विधान मण्डल की पूजन सम्पन्न हुई। पूजन के उपरांत भगवान मुनिसुव्रतनाथ की मंगल आरती उतारी गई। इस अवसर पर कई श्रद्धालु मौजूद थे।
वर्षवर्धन दिवस मनाया:
आयोजन की श्रृंखला में आर्यिका विज्ञमति माताजी का 50वां वर्षवर्धन दिवस भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आर्यिका की वंदना करते हुए ज्ञान को अक्षीण रखने एवं अक्षय पद को प्राप्त करने की भावना से प्रेरित होकर श्रद्धालुओं ने उन्हें शास्त्र एवं वस्त्र भेंट किए गए। साथ ही आर्यिका की यशोगाथा गाते हुए एवं भाव-भीनी अभिव्यक्तियां प्रस्तुत करते हुए उनके यशस्वी एवं साधनारत जीवन की जिनेन्द्र देव से मंगल कामना की।
इस मौके पर आर्यिका विशुद्धमति माताजी ने कहा कि ईश्वर के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का भाव रखना चाहिये। क्योंकि देव-शास्त्र-गुरु की भक्ति ही आत्मसिद्धि का साधन है। कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण वर्षायोग समिति के अध्यक्ष सहित समाज के गणमान्य महिला-पुरूष काफी संख्या में मौजूद थे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी