कोटा-महावीर नगर विस्तार योजना जैन मंदिर में सुबह 5 बजे आर्यिका विभाश्री माताजी ससंघ के सानिध्य में सहस्रनाम मंत्र का का जाप व भक्तामर का पाठ हुआ। रविवार को आर्यिका विभाश्री माताजी ने प्रवचन में कहा कि संपत्ति होना अपराध नहीं, लेकिन संपत्ति के प्रति ममत्व होना अपराध है। कर्म बंध संपत्ति से नहीं बल्कि उसके अंहकार से होता है। पृथ्वी पर जिस जिसने वैभव का अंहकार किया है उनका पतन हुआ है। अंहकार अपराध है। योग्यता के बाद भी विनम्र रहना चाहिए। संपत्ति जब तक जीरण त्रण नहीं माने तब तक त्यागना बेकार है। विभाश्री ने तीन तरह के भक्त बताए। एक तो पत्थर की तरह, दूसरे कपड़े की तरह, तीसरे चीनी की तरह।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
