जिनका मन अच्छा होता है उनका जीवन-मरण भी अच्छा होता है। आचार्य सुनील सागर जी


सागवाड़ा-आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने ऋषभ वाटिका स्थित सन्मति समवशरण सभागार में प्रवचन में कहा है कि जिनका मन अच्छा होता है उनका जीवन-मरण भी अच्छा होता है।
वहीं पर दुराचारी एवं दुष्प्रभाव से ग्रसित भाव को मन में रखने वालों का न जीवन अच्छा होता है न मरण। जिसने इतिहास से तालीम नहीं ली उसे ना जीना आया और न ही मरना आया। आचार्य के प्रवचन से पूर्व मुनि श्री सुश्रुत सागर जी  महाराज ने भी संबोधित किया इस अवसर पर मुंबई से प्रकाशित मासिक पुस्तक जैनाचार के सितंबर अंक का विमोचन भी किया गया। संचालन ट्रस्टी नरेंद्र कुमार खोडनिया ने किया।
      संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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