अज्ञानता के कारण ही मनुष्य हिंसा में आनंद मानता है : मुनिश्री



कुंडलपुर -मुनि श्री  समयसागर जि महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि संसार के संयोग से दुख उत्पन्न होता है संसारी राग में प्राणी राग में सुख की अनुभूति करता है बीत रागी साधक विराग में आनंद की अनुभूति करता है, साधना के द्वारा संसार से मुक्त हुआ जा सकता है, जिनवाणी हमें बताती है कि मोह के उदय में हमें वस्तु विपरीत देखने में आती है, संसारी प्राणी को विषय भोग में आनंद प्राप्त होता है अज्ञानता के कारण ही मनुष्य हिंसा में आनंद मानता है जो आत्मिक शांति को प्राप्त करना चाहता है, उसे हिंसा आदि पाप कार्यों को छोड़ देना चाहिए।
उपरोक्त जानकारी कुंडलपुर कमेटी प्रचार मंत्री सुनील वेजीटेरियन ने प्रदान की
      संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.