शिवपुरी-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को गैस चूल्हे दिए जा रहे है ताकि धूंआ रहित ईंधन को बढ़ावा दिया जा सके। ठोस ईंधन एवं कार्बन युक्तकण हमारे शरीर में प्रवेश करने पर कई हानिकारक बीमारियां उत्पन्न करते है। विशेषकर ग्रामीण परिवारों में महिलाएं प्रतिदिन यह धुंआ ग्रहण करती है। गोबर के कड्डे एवं लकड़ी जलाकर जब महिलाएं भोजन पकाती है। तब चूल्हे से निकलने वाला धूंआ सांस के माध्यम से फैफड़ो तक पहुंचता है और बीमारी का कारण बनता है।
करैरा ब्लाॅक में ग्राम डामरौनकलां निवासी रीता प्रजापति, सलैया डामरौन निवासी संगीता प्रजापति, श्रीमती आशा पाल एवं श्रीमती संतोषी बघेल को आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरित किया गया है। गैस चूल्हा पाकर महिला ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब धूंआ रहित खाना बनेगा। बिना आंसू बहाये खाना बन जाएगा और जल्दी भी बनेगा।
गैस चूल्हा प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं का कहना था कि जब पता चला कि सरकार द्वारा गैस चूल्हा दिया जा रहा है। वो भी पूरी तरह निःशुल्क तो सबसे अधिक खुशी महिलाओं को ही हुई, क्योंकि घरों में अधिकांश महिलाओं पर ही खाना पकाने की जिम्मेदारी होती है। गांव में अक्सर मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना पकाया जाता है। जिसमें समय भी अधिक लगता है और खाना बनाते समय धूंए से बूरी हालत हो जाती है। विशेषकर बरसात के दिनों में यदि सूखा ईंधन न मिले तब तो खाना बनाना एक सजा बन जाता है। परन्तु अब गैस चूल्हा मिलने से यह समस्या नहीं होगी। खाना बनाना बड़ा ही आसान होगा।
गैस चूल्हा प्राप्त करने वाली सभी महिलाओं का कहना था कि जब पता चला कि सरकार द्वारा गैस चूल्हा दिया जा रहा है। वो भी पूरी तरह निःशुल्क तो सबसे अधिक खुशी महिलाओं को ही हुई, क्योंकि घरों में अधिकांश महिलाओं पर ही खाना पकाने की जिम्मेदारी होती है। गांव में अक्सर मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना पकाया जाता है। जिसमें समय भी अधिक लगता है और खाना बनाते समय धूंए से बूरी हालत हो जाती है। विशेषकर बरसात के दिनों में यदि सूखा ईंधन न मिले तब तो खाना बनाना एक सजा बन जाता है। परन्तु अब गैस चूल्हा मिलने से यह समस्या नहीं होगी। खाना बनाना बड़ा ही आसान होगा।
