नेमावर-जीवन में होंश के साथ साधना अनिवार्य है। जो हम अपने लिए चाहते हैं, वह दूसरों के लिए भी चाहे। जीवन के प्रति थोड़ा गंभीर होना आवश्यक है। किसी बहती नदी को देखकर सोचे जिस प्रकार नदी का जल बहता जा रहा है उसी प्रकार मेरी जिंदगी भी भागी जा रही है। नदी अंततः सागर में विलीन होने की परिभाषा लेकर गतिमान है और जिंदगी भी मृत्यु रूपी खाड़ी में गिरने को आतुर है।
घड़ी के सेकंड के कांटे की तरह बचपन भाग रहा है, मिनट के कांटे की तरह जवानी बीत रही है और घंटे का कांटा बुढ़ापे का प्रतीक है। उक्त विचार आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में उपस्थित जनसमूह के समक्ष व्यक्त किए। जैन समाज के प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी, पुनीत जैन, राजीव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन प्रातःकालीन बेला में पूजन के दौरान श्रद्धालुओं को आचार्यश्री के श्रीमुख से संक्षिप्त आशीर्वचन सुनने का अवसर मिलता है। प्रवचन के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि मृत्यु हमारी ओर कभी आती दिखाई नहीं देती है लेकिन हर पल अपने साथ खड़ी होती है। डूबते सूरज को देखकर सोचे एक दिन मेरा जीवन रूपी सूरज भी इसी प्रकार डूब जाएगा।
जीवन क्षण मात्र का होता है, अतः यह नश्वर शरीर चिता पर पहुंचे इससे पहले अपनी चेतना जगा लो। परोपकार और सेवा के कार्य करें तो मनुष्य जीवन की सार्थकता है। प्रवचन के पूर्व बेरसिया, भोपाल, इंदौर, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री के श्री चरणों में श्रीफल समर्पित आशीर्वाद प्राप्त किया।
रविवार को सतवास जैन समाज के साथ बागली के विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर सतवास नगर में पधारकर नवनिर्मित जिनालय का पंचकल्याणक कराने हेतु निवेदन किया। साथ ही डॉक्टर जगदीश जोशी, डॉ. सुनीता जोशी इंदौर द्वारा आचार्यश्री के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से रचित पूर्णायु नामक पुस्तक का विमोचन मुनिश्री संभवसागरजी, मुनिश्री सौम्यसागरजी एवं अन्य मुनियों के सानिध्य में खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे, भाजपा जिला महामंत्री नरेंद्र चौधरी, ट्रस्ट कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय मेक्स, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश काला, जितेंद्र मित्तल, रामेश्वर यादव, लोकेंद्र जोशी आदि ने किया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
घड़ी के सेकंड के कांटे की तरह बचपन भाग रहा है, मिनट के कांटे की तरह जवानी बीत रही है और घंटे का कांटा बुढ़ापे का प्रतीक है। उक्त विचार आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में उपस्थित जनसमूह के समक्ष व्यक्त किए। जैन समाज के प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी, पुनीत जैन, राजीव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन प्रातःकालीन बेला में पूजन के दौरान श्रद्धालुओं को आचार्यश्री के श्रीमुख से संक्षिप्त आशीर्वचन सुनने का अवसर मिलता है। प्रवचन के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि मृत्यु हमारी ओर कभी आती दिखाई नहीं देती है लेकिन हर पल अपने साथ खड़ी होती है। डूबते सूरज को देखकर सोचे एक दिन मेरा जीवन रूपी सूरज भी इसी प्रकार डूब जाएगा।
जीवन क्षण मात्र का होता है, अतः यह नश्वर शरीर चिता पर पहुंचे इससे पहले अपनी चेतना जगा लो। परोपकार और सेवा के कार्य करें तो मनुष्य जीवन की सार्थकता है। प्रवचन के पूर्व बेरसिया, भोपाल, इंदौर, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री के श्री चरणों में श्रीफल समर्पित आशीर्वाद प्राप्त किया।
रविवार को सतवास जैन समाज के साथ बागली के विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर सतवास नगर में पधारकर नवनिर्मित जिनालय का पंचकल्याणक कराने हेतु निवेदन किया। साथ ही डॉक्टर जगदीश जोशी, डॉ. सुनीता जोशी इंदौर द्वारा आचार्यश्री के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से रचित पूर्णायु नामक पुस्तक का विमोचन मुनिश्री संभवसागरजी, मुनिश्री सौम्यसागरजी एवं अन्य मुनियों के सानिध्य में खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे, भाजपा जिला महामंत्री नरेंद्र चौधरी, ट्रस्ट कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय मेक्स, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश काला, जितेंद्र मित्तल, रामेश्वर यादव, लोकेंद्र जोशी आदि ने किया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी