मध्यप्रदेश के स्थित कुण्डलपुर जैन मंदिर का इतिहास

कुण्डलपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक जैनों का एक सिद्ध क्षेत्र है जहाँ से श्रीधर केवली मोक्ष गये है जो दमोह से ३५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है। यहाँ तीर्थंकर ऋषभदेव की एक विशाल प्रतिमा विराजमान है। कुण्डलपुर में ६३ जैन मंदिर है। उनमें से 22वाँ मंदिर काफ़ी प्रसिद्ध है। इसी मंदिर में बड़े बाबा (भगवान आदिनाथ) की विशाल प्रतिमा है। यह प्रतिमा जी बड़े बाबा के नाम से प्रसिद्ध है। प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में है और 15 फुट ऊँची हैं।] यह मंदिर कुण्डलपुर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। एक शिलालेख के अनुसार[3] विक्रम संवत् 1757 में यह मंदिर फिर से  भट्टारक सुरेन्द्रकीर्ति द्वारा खोजा गया था। तब यह मंदिर जीर्ण शीर्ण हालत में था। तब बुंदेलखंड के शासक छत्रसाल.[4] की मदद से मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया था। यह जगह कुंडलगिरी कुण्डलपुर दमोह जिले के पटेरा ब्लाक, मध्य प्रदेश. में है।
 बाबा का अभिषेक पूजन वंदन व समीप विधान करने का सुअवसर मिला
    प्रभु आदिनाथ के समीप विधान पूजन का अवसर जो बहुत ही अद्वितीय रहा लगभग चार घण्टे बाबा को एक टक निहारते रहे परिवार सहित शांतिनाथ विधान किया जो भक्तिमय उल्लास भर रहा था हर कोई भक्ति मे झूमते हुए भक्ति कर रहा था श्री अनिल जैन विधानाचार्य ने कहा बाबा के यहा विधान करने का भाव बनाते है  लेकिन हो नहीं पाता कही की योजना बन जाती है लेकिन आ नहीं पाते उन्होंने कहा ऐसा अवसर बिरले को ही मिल पाता है हम तो यही कहते है यह अवसर मिलना हमारे लिये सोभाग्य से कम नही है यही कामना करता हु ऐसा अवसर पुनः हमको मिले साथ ही इस विधान मे  गूणायतन क्षेत्र के मंत्री जी भी सम्मलित रहे और भक्ति की
       वे लोग निराले होते है जिनको बड़े बाबा बुलाते है 
     कोई अनंत पुण्य होता है जब बड़े बाबा के समक्ष्य विधान कर पाते है 
           एक रिपोर्ट अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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