राजनीतिकहलचल- भारतीय जनता पार्टी भले ही दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हो,पूरे देश में लगातार पूर्ण बहुमत की सरकार है लेकिन एक जगह ऐसी है जहाँ भाजपा का कमल केवल एक बार ही खिल पाया है । हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट की, कहने को तो सूबे में भाजपा की कई बार सरकार बनी है और वर्तमान सरकार से पहले लगातार तीन बार सरकार बनाकर हैट्रिक भी लगा चुकी है लेकिन देश के चौकीदार मोदी की भाजपा को सिर्फ एक बार ही सूबेदार जौरा ने दिया है ।
2013 में जौरा से सूबेदार सिंह सिकरवार "रजौधा" निर्वाचित हुए थे हालांकि जीत का अंतर बहुत कम था,वे कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा "जापथाप" से महज कुछ ही हज़ार से जीत दर्ज कर सके । इसके पूर्व 2008 में जौरा से बहुजन समाज पार्टी के मनीराम ने जीत दर्ज की थी, 2018 के आम विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वही पुराने तीनों प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ जिसमें कांग्रेस के बनवारी लाल ने बसपा के धाकड़ को हारकर जीत दर्ज की थी और भाजपा के सूबेदार को तीसरे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा, इतना ही नहीं मुरैना जिले से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था ।
अभी हाल ही में विधायक शर्मा का निधन हो गया है ऐसे में उपचुनाव होना तय है,तब क्या भाजपा अपना खाता खोलकर एक बार फिर कमल खिलाएगी या फिर कांग्रेस सहानुभूति के बल पर और एक वर्ष के कार्यकाल के बलबूते अपने हाथ मजबूत कर पायेगी,या फिर 2018 में दूसरे स्थान पर रहने वाला हाथी इस बार एक बार फिर हाथी कूच कर जायेगा,ये सब तो भविष्य के गर्त में है लेकिन एक बार ही कमल खिलाने वाली भाजपा ने चुनावी शंखनाद कर दिया है।