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पोहरी - कोरोना का कहर ऐसा बरसा है कि आम आदमी से लेकर सरकार तक में त्राहि त्राहि मच रही है,घरों में कैद लोगों के दिलों में बाहर निकलने की बेचैनी है तो कोरोना की चपेट में आने का डर भी । ऐसे समय में बुरा वक़्त आया है तो दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों का,सरकार की सहायता पहुंच नहीं पा रही और पुलिस की लाठी का डर उन्हें मज़दूरी पर जाने नहीं दे रहा है,अब उन्हें उम्मीदे थी तो केवल उन समाजसेवियों से जो विधानसभा के आम चुनाव के पूर्व समाजसेवा करके समाजसेवी होने का प्रमाण देते थे लेकिन अब यही सवाल चर्चा का विषय है कि आखिर वे तमाम लोग हैं कहाँ, क्या अब चुनाव खत्म हो गये या लोक डाउन में वो भी घरों में कैद है और प्रधानमंत्री के आव्हान का समर्थन कर रहे है ।