पोहरी - कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा क्या दिया,इस्टीफों की तो बाढ़ सी आ गई थी । अपने नेता सिंधिया के प्रति निष्ठा दिखाने की खातिर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में सोशल मीडिया पर इस्तीफों की होड़ सी लगा दी ।
सिंधिया ने भाजपा जॉइन की तो केवल मंत्री और विधायकों ने ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली,इसके अलावा कुछ लोग ग्वालियर चंबल संभाग शिवपुरी, पोहरी, गुना,अशोकनगर में दो नावों की सवारी कर रहे हैं,उनमे से कईयों को न तो कांग्रेस ने बाहर निकाला है और न भाजपा ने अपनाया है । अंचल में ऐसे कई नेता हैं जो सिंधिया के लिए मेरा नेता मेरा स्वाभिमान लिखते रहे हैं, लेकिन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक के इस्तिफे के बाद अब उपचुनाव होना तय है ऐसे में दो नावों की सवारी करने वाले कांग्रेसी नेता असमंजस में है कि वे अपने महाराज के साथ भाजपा में शामिल रहें या जिस पार्टी ने उन्हें पहचान और पद दिया उसके प्रति निष्ठा कायम रखें । क्षेत्र में ऐसे कई नेता और कार्यकर्ता हैं जिन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर महाराज के साथ ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था पोहरी व शिवपुरी क्षेत्र में ऐसे बहुत से पदधारी नेता जो सिंधिया को अपना आदर्श मानते थे लेकिन सिंधिया के भाजपा जाने के बाद कांग्रेस से तो टिकिट की उम्मीद बनाएं बैठे है लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस से टिकिट की चाहत उन्हें कांग्रेस की ओर खींच रही है,ऐसे में अब देखना ये होगा कि कांग्रेस आलाकमान दो नावों की सवारी करने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाएगी या इनमें से ही किसी एक को पोहरी के उपचुनाव के रण में योद्धा बनाकर अब तक की वफादारी का इनाम देगी,जो होगा वो तो अभी समय लेगा लेकिन इन नेताओं के दिल में बेचैनी है टिकिट पाने की तो आशंका है कांग्रेस से बाहर होने की ।