भिंड-शहर के आदिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय मंदिर में ससंघ विराजमान गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने देश में बढ़ती कोरोना वायरस महामारी को लेकर कहा कि क्वारेंटाइन सजा नहीं बल्कि सुरक्षात्मक उपाय है। इस दौर में सावधान हटी कि दुर्घटना घटी की स्थिति चल रही है। भिंड में 3 मई तक एक भी मरीज नहीं था। हमने 51 लाख जप की समापन की बेला में बोला भी था कि निरंतर लाॅकडाउन की मर्यादाओं को बनाकर अपनी, अपने परिवार, देश, प्रदेश, जिला, नगर, मोहल्ले की सुरक्षा में सहभागी बने रहें लेकिन बाहर से आने वालों का अमर्यादित आना जाना बना हुआ है इसके परिणाम सामने आते जा रहे हैं।
गणाचार्य ने कहा कि शासन प्रशासन को चाहिये कि बाहर से आने वालों परीक्षण में जितनी मेहनत नगर के अंदर हो रही है यदि वह प्रवेश की सीमा पर होने लगे तो काफी नियंत्रण हो सकता है। स्वास्थ्य परीक्षण की पर्याप्त व्यवस्थाएं कराई जाना चाहिए। सुविधायें पर्याप्त न होने की बजह से बाहर से आने वाले कुछ सीमित व्यक्ति ही स्वास्थ्य परीक्षण करा पा रहे हैं। संक्रमण का खतरा नगरवासियों से कम आने वालों से ज्यादा बढ़ रहा है अतः बिना परीक्षण के नगर में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए।
बाहर से आने वाले को सोचें, कहीं वे समाज को संक्रमित तो नहीं कर रहे
आचार्यश्री ने आगे कहा कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह सोचना होगा कि वह बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराए घर लौट रहा है तो कहीं परिवार और समाज को संक्रमित तो नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा लोग क्वारेंटाइन को लेकर डरते हैं जबकि यह सजा नहीं है बल्कि अपने परिवार व समाज की सुरक्षा का तरीका है। शासन प्रशासन डाॅक्टर्स आपकी सुरक्षा के लिए तत्पर हैं।
संत समाज की सुरक्षा समाज की जिम्मेदारी
संत समाज की अमूल्य धरोहर है अतः इनकी सुरक्षा व व्यवस्था की जिम्मेदारी समाज की है। संत ऐलोपैथी दवाइयां नहीं लेते हैं। इसलिए उनके पास आने की आवश्यकता भी नहीं। घर में बैठकर मोबाइल में विराग वाणी यूट्यूब चैनल पर दर्शन पूजन भक्ति कर समझदारी का परिचय दें। चौके में भी संदिग्ध व्यक्ति अंदर नही आएं। नियमों का पालन करते हुये घरों में रहें। तभी हम कोरोना पर जीत हासिल कर सकेंगे।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी