विश्व में अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म क्षुल्लक श्री नयसागर जी

पीपलू-आचार्य श्री  विद्यासागर जी  महाराज के शिष्य क्षुल्लक श्री  नयसागर महाराज ने अपने मंगल उद्बोधन मे  करूणा अहिंसा का महत्व समझाते हुए कहा कि अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है।  तीर्थंकर महापुरुष के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान एवं निर्माण के समय इन्द्र,  देवगण तथा मनुष्य के द्वारा जो विशेष उत्सव मनाया जाता है उसे कल्याणक कहते  है। कल्याणक पांच प्रकार के होते है। पहला गर्भ कल्याणक, दूसरा जन्म  कल्याणक, तीसरा तप दीक्षा कल्याणक, चौथा ज्ञान कल्याणक, पांचवा निर्माण  मोक्ष कल्याणक हैं। इस मौके मनीष जैन, अतुल जैन आदि मौजूद रहे। 
         संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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