प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में कशमकश की स्थिति बरकरार

पोहरी। पोहरी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव की सरगर्मियां अपने पूरे शबाब पर हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव की ही भांति उपचुनाव में भी मुकाबला त्रिकोणीय होने के पूरे-पूरे आसार बने हुए हैं। यह मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और बसपा प्रत्याशियों के बीच होने वाला है।
 यहां पर हम बात करें भाजपा और बसपा की तो प्रत्याशियों के नाम पूर्व से तय माने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस की ओर से युवा सहित वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी सामने आ रही है। यहां बात वरिष्ठ नेता की बात करें तो ब्राह्मण समाज से हरिबल्लभ शुक्ला का नाम सामने आता है यदि युवा दावेदारों की बात करें तो धाकड़ समाज से इंजीनियर शिशुपाल वर्मा, प्रद्युम्न वर्मा संजीव शर्मा,अखिल शर्मा,सहित अन्य युवा नेताओं के नाम शामिल है। सभी के द्वारा अपनी-अपनी दावेदारी कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा दी है। बात यदि इंजीनियर शिशुपाल वर्मा की करें तो उनके द्वारा कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच विपरीत परिस्थितियों में भी वह कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में जुटे हुए हैं। इनका परिवार बड़ा होने की वजह से इनकी क्षेत्र में अच्छी खासी पकड़ है, ना केवल धाकड़ समाज बल्कि अन्य समाज के लोगों से भी इनके पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंध हैं। इन्हीं संबंधों का फायदा 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इन्होंने दिलाया था और विजयश्री प्राप्त हुई थी। इस कोरोनाकाल में शिशुपाल वर्मा द्वारा विधानसभा क्षेत्र के गांव में जा-जाकर लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक तो किया ही, साथ ही उन्होंने कमलनाथ सरकार की जनहितैषी योजनाओं को भी जनता के समक्ष प्रमुखता से रखा। इस प्रकार से शिशुपाल वर्मा की क्षेत्र में सभी वर्गों में अच्छा संबंध में माना जा रहा है। यदि कांग्रेस इस युवा ( इंजी शिशुपाल वर्मा) प्रत्याशी को मैदान में उतारती है तो निश्चित रूप से एक साफ-सुथरी छवि का नया चेहरा जनता के समक्ष आएगा तो यह कांग्रेस के लिए सकारात्मक पक्ष हो सकता है।
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