सिंधिया से मिलने के बाद जल्द भाजपा में शामिल होंगे जनपद उपाध्यक्ष अरविंद चकराना
0
Thursday, August 20, 2020
पोहरी। पोहरी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस से प्रमुख दावेदारों में से एक पोहरी जनपद उपाध्यक्ष और युवक कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद चकराना ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया है। अरविंद चकराना के भाजपा में शामिल होने से पोहरी की कांग्रेस राजनीति में खलबली सी मच गई है क्योंकि अरविंद चकराना का अपना खुद का वर्चस्व है। उनकी जमीनी पकड़ और एक बड़े वोट बैंक का फायदा अब भाजपा को मिलना निश्चित है। अरविंद चकराना सिंधिया समर्थक माने जाते हैं और लंबे समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं और इन अटकलों पर विराम लग गया है। राजनीति सूत्रों की मानें तो राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा और अरविंद चकराना के बीच 4 अगस्त को ममलेश्वर मंदिर पर देर शाम करीब एक घंटे तक चर्चा चली जिसमें सभी पुराने गिले शिकवे भुलाकर एक नई शुरूआत हुई और यहीं से भाजपा में शामिल होने की रूपरेखा निर्धारित हुई। बताया तो यहां तक जा रहा है कि 12 अगस्त को राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा और अरविंद चकराना राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले और यहीं से भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। अरविंद चकराना का आरोप है कि कांग्रेस में काबिलियत की कोई कद्र नहीं है और वह लगातार उपेक्षित बने हुए थे इसलिए उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया है।
छात्र संघ से की थी अरविंद ने राजनीति की शुरूआत
यहां यदि अरविंद चकराना के राजनीतिक कैरियर पर नजर डालें तो उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत छात्र संघ चुनाव से की थी। छात्रसंघ के चुनाव में अरविंद चकराना को महासचिव के पद से संतुष्ट होना पड़ा था। इसके बाद तीन वर्ष तक अरविंद ने कड़ी मेहनत की और सदस्य होने के चलते एक तरफा निर्विरोध रूप से अध्यक्ष बने हुए। इस दौरान उन्होंने जनता के लिए कार्य किया और जनता के साथ खड़े होकर उनके हक की लड़ाई भी लड़ी। इसके बाद वह वह एक तरफा जनपद सदस्य का चुनाव जीते और फिर जनपद उपाध्यक्ष बने। अरविंद चकराना ने सक्रिय युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके यहां पर जनता दरबार लगा रहता था। इस दौरान उन्होंने अपनी कार्यकुशलता से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी विश्वास जीत लिया और उनसे बढ़ती नजदीकियों के चलते उन्हें सिंधियानिष्ठ माने जाने लगा। अब अरविंद चकराना के भाजपा में जाने से कांग्रेस को निश्चित तौर पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि अरविंद चकराना का खुद का बड़ा वोट बैंक जाना जाता है।
Tags
