डबरा: इमारती की मिठास चर्चा में


राजनीतिक हलचल: अपनी इमरती मैडम मंत्री क्या बन गई कि अब उनकी मिठास ही बढ़ गई है। मैडम अपने समर्थकों के लिये मिठास भरी है तो विरोधियों के लिये करेला। मैडम के तेवर भी बदले -बदले से हैं। मंत्री बनने का सुख अलग ही होता है। मंत्राणी जी इमरती अब  डबरा में ही डेरा डाले हुए हैं अपने उपचुनाव तक वहीं रहेंगी, ताकि कार्यकर्ताओं को एकजुट कर सकें। वैसे इमरती शुरू से ही मीठी है तभी तो लगतार तीन बार से विधायक हैं, जब 2008,2013 में शिवराज सिंह की लहर पूरे सूबे में थी तब भी भाजपा इमरती के किले को ढहा न सकी, 2018 में भी इमरती रिकॉर्ड मतों से भोपाल पहुँची और पूर्व की कमलनाथ सरकार में महिला बाल विकास मंत्री का दायित्व ऐसा संभाला कि केंद्र की मोदी सरकार ने बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया I
अब स्थिति उलट है पहले इमरती कांग्रेस के लिए मीठी और भाजपा के लिए कड़वी थी लेकिन कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद से ही कांग्रेस के लिए करेला बन गई हैं, अपने ठेठ देशी अंदाज और बोलचाल के लिए जानी जाने वाली इमरती को शिवराज सरकार में एक बार फिर महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जिसका निर्वहन बखूबी निभा रही हैं, इस सीट के आरक्षित होने के कारण बसपा का दखल समीकरण बिगाड़ता जरूर है लेकिन इमरती की अपनी अलग छवि के कारण विपक्ष फिर चाहे कांग्रेस हो या भाजपा इमरती के किले में सेंध नहीं लगा पाती है, आगामी उपचुनाव में बसपा ने संतोष गौड़ को उम्मीदवार बनाया है, अब संतोष आने वाले समय में इमरती की राह में रोड़ा बनेंगे या फिर कुछ वोट पाकर संतोष कर लेंगे ये तो आने वाला समय ही बता पाएगा, लेकिन फिल्हाल तो चर्चा है की अपनी मंत्राणी इमरती देवी सुमन के व्यवहार में मिठास घुली हुई है I

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