जबलपुर-न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) श्रीमती ज्योति मिश्रा जबलपुर के द्वारा आरोपी दल्लू अहिरवार निवासी लड़िया मोहल्ला गढ़ा जिला जबलपुर, थाना गढ़ा के अपराध क्रमांक 50/2018 धारा 376(2)(एन) भादवि एवं धारा 5(j)(ii) सहपठित धारा 6 पॉक्सो में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 30,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
दिनांक 13/01/2018 को फरियादी ने थाना गढ़ा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि पीड़िता अपने पिता और भाई के साथ आरोपी दल्लू अहिरवार के लढ़िया मोहल्ले स्थित मकान में किराए से निवास करती थी। आरोपी की पत्नी जब काम पर चली जाती थी, तब आरोपी पीड़िता को अपने घर बुलाकर उसे 50 रुपये देकर उसके साथ गलत काम करता था और उसे धमकी देता था यदि वह उक्त बात किसी को बताएगी तो वह उन लोगों से घर खाली करवा देगा। वह अपने परिवार सहित आरोपी के घर करीब सात-आठ माह तक रही थी। जिस अवधि में आरोपी रोज उसके साथ गलत काम करता था, उसके बाद उन लोगों ने आरोपी का घर खाली कर दिया था तथा वे लोग रामायण मंदिर के पीछे किराए के मकान में रहने चले गए थे। दिनांक 13/01/2018 को पीड़िता के मोहल्ले में रहने वाली उसकी बड़ी मम्मी ने उसका पेट देख कर उससे पूछा कि उसका पेट क्यों बढ़ रहा है तब उसने बताया कि आरोपी दल्लू अहिरवार उसके साथ गलत काम करता था। उसकी बड़ी मम्मी द्वारा उक्त बात उसके पिता को बताए जाने के उपरांत वह अपने पिता के साथ रिपोर्ट करने थाना पहुंची थी। जिस पर थाना गढ़ा के अपराध क्रमांक 50/2018 अंतर्गत धारा 376(2)(एन), 376(2)(आई) भादवि एवं 3, 4, 5, 6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन श्री शेख वसीम के निर्देशन में अभियोजन की ओर से श्री अजय कुमार जैन विशेष लोक अभियोजक/अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी के द्वारा मामले में सशक्त पैरवी करते हुए 09 साथियों को न्यायालय में परीक्षित करवाया गया।
श्री अजय कुमार जैन विशेष लोक अभियोजक /अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) श्रीमती ज्योति मिश्रा जबलपुर के द्वारा आरोपी दल्लू अहिरवार निवासी लड़िया मोहल्ला गढ़ा जिला जबलपुर, थाना गढ़ा के अपराध क्रमांक 50/2018 धारा 376(2)(एन) भादवि एवं धारा 5(j)(ii) सहपठित धारा 6 पॉक्सो में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 30,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
