भोपाल-न्यायालय श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी आसिफ खान उर्फ अमित ठाकुर उम्र 35 वर्ष को धारा 376(2)(एफ) भादवि एवं 5(एन)/6 पाक्सो एक्ट, धारा 376(2)(एन) भादवि एवं 5एल/6 पाक्सो एक्ट एवं धारा 376(2)(आई) भादवि में आजीवन कारावास एवं 9000रू के अर्थदंड, धारा 506 भाग 2 भादवि में एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500रू जुर्माना, धारा 354 भादवि में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रू जुर्माना एवं 9(एम)/10 पाक्सो एक्ट में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रू के अर्थदंड से दंडित किया । न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रकरण में प्रस्तुत किये गये समस्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुये आरोपी आसिफ खान उर्फ अमित ठाकुर को दंडित किया गया। शासन की ओर से अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम एवं श्रीमती मनीषा पटेल ने किया।
मीडिया प्रभारी सुश्री दिव्या शुक्ला ने बताया कि दिनांक 30.12.18 को पीडिता ने थाना गोविंदपुरा में रिपोर्ट लेख कराई कि पीडिता अपनी मॉं के साथ रहती थी। आरोपी आसिफ खान भी उसकी मॉं के साथ उनके घर पर रहता था। पीडिता ने बताया कि जब वह कक्षा 3 में थी, तभी से आरोपी उसके साथ गलत काम बलात्कार कर रहा था एवं आरोपी पीडिता के प्राईवेट पार्ट को छू कर उसके साथ गंदी हरकत करता था पीडिता ने यह बात अपनी मॉं को बताई तो उसकी मॉं उसे समझ नहीं पाई। आरोपी पीडिता को धमकी देता था कि यह बात किसी को बताई तो तुझे जान से मार दूंगा। फिर पीडिता द्वारा यह बात उसकी दोस्त को बताई गई तो उसकी दोस्त ने पीडिता को पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट करने को बोला। फिर पीडिता ने सारी बाते अपनी मॉं को बताई तो पीडिता की मॉं ने आरोपी आसिफ को घर बुलाया तब आरोपी आसिफ ने पीडिता के सीने पर मारा। विवेचना के उपरांत मामला न्यायालय के समक्ष न्यायहित हेतु प्रस्तुत किया गया था जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुये दंडित किया गया।
विशेष न्यायालय ने मामले में उक्त टिप्प्णी की है-उक्त प्रकरण में संपूर्ण गवाहों के न्यायालयीन साक्ष्य के उपरांत हाईकोर्ट में राजीनामें का आवेदन पेश किया गया था, परंतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त आवेदन को संबंधित कोर्ट में निराकरण हेतु भेजा गया। विशेष न्यायालय द्वारा राजीनामें के आवेदन को खारिज कर दिया गया तथा माननीय न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में कहा गया कि आरोपी द्वरा अत्यधिक क्रूरता के साथ बलात्कार किया गया है जिसे जानकर हर व्यक्ति की रूह कांप जाये। अभियुक्त, अभियोक्त्री का संरक्षक तथा नियंत्रण रखने की स्थिति में था, ऐसे स्थिति में अभियुक्त के प्रति नम्र दृष्टिकोण अथवा सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जाना समाज के प्रति गलत होगा। इस कारण न्यायालय द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किया गया।