पहली बार प्रवचन बंद, आहारचर्या के चौके में सिर्फ 6 लोगों का प्रवेश

सागर -जिले में पांच स्थानों पर जैन संत विराजमान हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी जगहों पर संतो के दर्शन प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। संतो के आह्वान पर सकल दिगंबर जैन समाज के प्रमुख लोगों और स्थानीय प्रबंधन देख रहे लोगों ने मिलकर यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही सभी संतों के प्रवचन भी बंद हो गए हैं। ऐसा इसलिए ताकि इन्हें सुनने के लिए लोगों की भीड़ न जुटे। ऐसा पहली बार है जब जिले में विराजमान जैन संतो के प्रवचन नहीं हो रहे हैं। कोरोना कर्फ्यू लागू होने के साथ ही जहां जहां संत रुके हैं वहां भी लॉकडाउन लगा दिया गया है। ताकि किसी भी प्रकार से संक्रमण न फैले और लोगों के जीवन को खतरा न हो। वर्तमान में सागर शहर में प्रथम निर्यापक मुनि समयसागर महाराज भाग्योदय स्थित संत निवास में विराजमान हैं। मुनिश्री प्रशांतसागर व मुनिश्री निर्वेगसागर महाराज बंडा में विराजमान हैं। जबकि खुरई में मुनिश्री विमल सागर महाराज ससंघ विराजमान हैं। इसी प्रकार रहली में आर्यिका पूर्णमति माताजी विराजमान हैं। जबकि आर्यिका अनंतमति माताजी और आर्यिका प्रभावनामति माताजी का संघ नेहानगर मकरोनिया में विराजमान है। 
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए संत निवास अनिश्चिततकाल के लिए लॉकडाउन कर दिया है। इसके अलावा आहारचर्या में चौके में 4 से 6 लोगों की उपस्थिति ही तय की गई है। 
                संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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